41. जिस पोस्ट की फ़ीड उपलब्ध नहीं होती वहां पर मूल आलेख पढ़ें की कड़ी भी उपलब्ध की गई है. 42. जिस पोस्ट की फ़ीड उपलब्ध नहीं होती वहां पर मूल आलेख पढ़ें की कड़ी भी उपलब्ध की गई है. 43. हरिवंशजी का मूल आलेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें-खगड़िया के बहाने बिहार: गुंडा कांड से विकास कथा तक 44. फिर पता नहीं किन परिस्थितियों में, मूल आलेख से ध्यान हटाते हुए 'उन' टिप्पणियों पर आधारित एक पोस्ट ही लिख मारी। 45. अब यदि आप समझते हैं कि मूल आलेख को पढ़ना चाहिए तो “कविता के बारे में” को चटखाएँ और वहाँ पहुँच जाएँ। 46. साधना न्यूज के कनसल्टिंग एडिटर एनके सिंह का लिखा मूल आलेख अंग्रेजी में है, जिसे नीचे प्रकाशित किया गया है. 47. विस्तार से जानने के लिए मूल आलेख पर टिप्पणी पढ़ें....-यहाँ सभी टिप्पणीकार स्वयं को आस्तिक सिद्ध कर चुके हैं... 48. ये सारी टिप्पणियाँ मूल आलेख के पते के साथ यहाँ रख रहा हूँ ताकि गाँधी जी पर मेरे विचार आप जान सकें। 49. मूल आलेख के युधिष्ठिर, बलराम और कृष्ण हंता व्याध के चरित्र संपादन की वजह से प्रस्तुति का हिस्सा नहीं बन सके हैं।50. बस अपने “उस्ताद” को खुश करने के लिये वे सब (बिना मूल आलेख को पढे ही) उस बेचारे चिट्ठाकार पर पिल पडते हैं।