महादेव देसाई की चौथी पुण्यतिथि के मौके पर मेरा दिल और दिमाग उस प्रतिभाशाली और प्रिय आदमी की खुश करने वाली और रंजीदा बनानेवाली दोनों तरह की यादों से घिर जाता है, जिसकी दोस्ती का मेरे लिए ख़ास महत्त्व था और जिसके साथ रहने में मुझे खुशी होती थी ।
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जो लोग अब नहीं हैं तकारुब में और जिनके मख्फी साये ही ज़हन में आते जाते हैं, वो कहाँ हैं अभी? ख्वाहिशों से भी मुलायम सपने जो कभी पूरे नहीं हुए, उदासियों सी भी तन्हा कोई राहगुज़र जो कभी मंजिल तक न पहुँच पाई, दिल की सोजिशों से भी रंजीदा इक नज़र जो झुक गई मायूसियों के बोझ तले-क्या हुआ उनका?
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” बेशक मुसलमानों और यहूदियों और नसरानियों और ला मज़हबों में से जो कोई खुदा और रोज़े आख़िरत पर ईमान लाए और अच्छे-अच्छे काम करता रहे तो उन्हीं के लिए उनका अज्र व सवाब उनके खुदा के पास है और न (क़यामत में) उन पर किसी का ख़ौफ होगा न वह रंजीदा दिल होंगे ” (2: 62) ।
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मोहम्मद इबने अबा बकर के नाम, उस मौक़े पर जब आप को मअलूम हुआ कि वह मिस्र की हुकूमत से अपनी मअजूली (अपदस्थता) और मालिक़े अश्तर के तक़र्रुर (नियुक्ति) की वजह से रंजीदा (क्षुब्ध) हैं, और फिर मिस्र पहुंचने से पहले ही मालिके अश्तर रास्ते ही में इन्तिक़ाल कर गए, तो आप ने मोहम्मद को तहरीर फरमायाः-
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दाईं तरफ़ वालों से हो {90} तो ऐ मेहबूब तुम पर सलाम हो दाईं तरफ़ वालों से (16) {91} (16) मानी ये है कि ऐ सैयदुल अम्बिया सल्लल्लाहो अलैका वसल्लम, आप उनका इस्लाम क़ुबूल फ़रमाएं और उनके लिये रंजीदा न हों वो अल्लाह तआला के अज़ाब से सलामत और मेहफ़ूज़ रहेंगे और आप उनको उसी हाल में देखेंगे जो आपको पसन्द हो.
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किस के दिल में दर्द कितना है निहाँ दे सके तो दे कोई ये इम्तिहाँ हम मसीहा हो गए सब नातवाँ मिट गए हैं तेरे क़दमों के निशाँ ज़लज़लों की हो गई है इन्तिहा ये हवा किस तर्फ होगी अब रवाँ सब रसूलों में बहुत तकरार है, टूट जाएगा किसी दिन ये मकाँ नज्र मेरी क्या हुआ ये यक-ब-यक बर्क़ सी दिखने लगी है कहकशाँ बो रहे थे कल तलक जो खुशबुएँ आज वो तामीर करते है धुआँ मुझ पे रंजीदा हुआ भगवान क्यों पूछता है अपने रब से मुस्लिमाँ (
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(((हक़ीक़ते अम्र यह है के दुनिया के हर ज़ुल्म का एक इलाज और दुनिया की हर मुसीबत का एक तोड़ है जिसका नाम है सब्र व तहम्मुल, इन्सान सिर्फ़ यह एक जौहर पैदा कर ले तो बड़ी से बड़ी मुसीबत का मुक़ाबला कर सकता है और किसी मरहले पर परेशान नहीं हो सकता है, रंजीदा व ग़मज़दा ही रहते हैं जिनके पास यह जौहर नहीं होता है और ख़ुशहाल व मुतमईन वही रहते हैं जिनके पास यह जौहर होता है और वह उसे इस्तेमाल करना भी जानते हैं)))
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चांद भी खोया खोया सा है तारे भी ख्वाबीदा हैं आज फिजा के बोझिल-पन से लहजे भी संजीदा हैं [sanjeeda: serious] जाने किन किन लोगों से इस दर्द के क्या क्या रिश्ते थे हिज्र की इस आबाद-सरा में सब चेहरे ना-दीदा हैं [naa-deedaa: unseen] इतने बरसों बाद भी दोनों कैसे टूट के मिलते हैं तू है कितना सादा-दिल और हम कितने पेचीदा हैं [pecheeda: complex] सुन जानां हम तर्क-ए-ताल्लुक और किसी दिन कर लेंगे आज तुझे भी उज्लत सी है, हम भी कुछ रंजीदा हैं
रंजीदा sentences in Hindi. What are the example sentences for रंजीदा? रंजीदा English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.