41. भारतीय राजनीतिक चिंतन के इतिहास में कौटिल्य एक ऐसा नाम है जिसके व्यक्तित्व और कृतित्व दोनों में विलक्षणता है। 42. भारतीय राजनीतिक चिंतन के इतिहास में कौटिल्य एक ऐसा नाम है जिसके व्यक्तित्व और कृतित्व दोनों में विलक्षणता है। 43. जहां तक राजनीतिक चिंतन एवं सामाजिक दृष्टिकोण की बात है तो दोनों राज्यों के लोगों में बहुत अंतर है। 44. उसके लिए जनता के इतिहास का ज्ञान आवश्यक है और इसी प्रकार उसके सामाजिक तथा राजनीतिक चिंतन का ज्ञान भी। 45. ऐसे माध्यमों में भाषा, संस्कृति, जीवन दर्शन, सामाजिक सरोकार, राजनीतिक चिंतन आदि भी सामने आते हैं। 46. 1926-27 में उनकी यूरोप तथा सोवियत संघ की यात्रा ने उनके आर्थिक और राजनीतिक चिंतन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया। 47. वैसे, जयपुर ने जितने राजनीतिक चिंतन देखे हैं, उससे कई गुना ज्यादा चिंता राजनेताओं की चेहरे पर देखी हैं। 48. भारतीय राजनीतिक चिंतन का विषद वर्णन शुक्र नीतिसार, महाभारत, कौटिल्य के अर्थशास्त्र आदि ग्रंथों में किया गया है. 49. राजनीतिक चिंतन का इतना गिरा हुआ स्तर कभी नहीं देखा गया जो आजकल की राजनीति में देखा जा रहा है.50. यह बात व्यक्तिगत जीवन में जितना लागू होती है उतना ही सामाजिक क्षेत्र या राजनीतिक चिंतन करते समय भी जरूरी होती है.