41. मध्यकालीन रीतिवाद में आलोचना नहीं प्रशंसा होती थी और कृतिकेन्द्रित प्रशंसा पर जोर था। 42. मध्यकालीन रीतिवाद की दूसरी बड़ी विशेषता है पदबंधों के सुनिश्चित अर्थ और उनका अहर्निश प्रचार। 43. लेखक संगठनों का किसी भी अवधारणा से रूढिबध्द ढंग से जुड़े रहना आधुनिक रीतिवाद है। 44. मध्यकालीन रीतिवाद की दूसरी बड़ी विशेषता है पदबंधों के सुनिश्चित अर्थ और उनका अहर्निश प्रचार। 45. रीतिवाद की विशेषता है सृजन के केन्द्र में नकली यथार्थ और निर्मित साहित्य का आना।46. लेखक संगठनों का किसी भी अवधारणा से रूढिबध्द ढंग से जुड़े रहना आधुनिक रीतिवाद है। 47. रहस्यवाद, कलावाद, रीतिवाद आदि का उनका विरोध निहायत तर्क संगत एवं वैज्ञानिक है। 48. रीतिवाद के कारण ही लेखक संगठन किसी भी मौलिक प्रश्न को उठाने में असमर्थ रहे हैं।49. आधुनिक आलोचना में रीतिवाद के प्रभाववश ही अब प्रगतिशीलों के लिखे पर कोई विवाद नहीं होता। 50. रीतिवाद के कारण ही लेखक संगठन किसी भी मौलिक प्रश्न को उठाने में असमर्थ रहे हैं।