41. इस तरह से शरीर के सारे वेस्ट प्रोडक्ट बाहर निकलने शुरू हो जाएंगे और धीर-धीरे शरीर के रोमकूप भी खुल जाएंगे। 42. रोमकूप बाह्य त्वचा से अंदर की ओर आरंभ होता है, जहाँ यहलंबवत् या वक्र (तरंगित केशों में) कीप की तरह होता है.43. यदि गलत मेकअप का इस्तेमाल करेंगी तो उससे चेहरे की त्वचा के रोमकूप बंद हो जाएँगे और ब्लेकहैड्स में तब्दील हो जाएँगे। 44. इससे त्वचा में कसाव आता है और क्लीजिंग मिल्क लगाने के बाद फैल गए रोमकूप भी अपनी पुरानी अवस्था में आ जाते हैं। 45. जो काफी छोटे छेद के आकार के साथ आते हैं उन्हें “न्यून-प्रवाह” और बड़े रोमकूप आकार वालों को “उच्च प्रवाह” कहा जाता है. 46. जो काफी छोटे छेद के आकार के साथ आते हैं उन्हें “न्यून-प्रवाह” और बड़े रोमकूप आकार वालों को “उच्च प्रवाह” कहा जाता है. 47. देखने पर हमारी त्वचा चिकना लगता है पर बारीकी से देखा जाए तो इसमें अनेकों छेद होते है जिसे हम रोमकूप कहते है। 48. रोमकूप के तल में एक छोटा शंकु-आकार का उभार रहता है, जिसे अंकुरक (papilla) कहते हैं, जिसमें रक्त-कोशिकाओं का गुच्छा ‘49. मृत मक्खियों की तरह एक चलनी जाल अवांछित सामग्री, जबकि भ्रूण के माध्यम से पारित करने के लिए (350 माइक्रोन रोमकूप आकार के) की अनुमति. 50. स्वेद क्षय होने पर रोमकूप का अवरोध, त्वचा की रुक्षता, त्वचा का फटना, स्पर्श ज्ञान न होना तथा रोमपात होता है ।।