41. यह स्थिति विटिलिगो या ल्यूकोडर्मा कहलाती है, जिसे लोग फुलवैरी या गलती से कच्चा कोढ़ भी कह देते हैं। 42. इस स्थिति को विटिलिगो कहा जाता है तथा इसका दूध उत्पाद और मछली के संयोजन से कोई संबंध नहीं है। 43. त्वचा की वास्तविक चमक कम हो जाती है, लेकिन त्वचा दूध जैसी सफेद नहीं होती, जैसा कि विटिलिगो में होता है। 44. त्वचा की वास्तविक चमक कम हो जाती है, लेकिन त्वचा दूध जैसी सफेद नहीं होती, जैसा कि विटिलिगो में होता है। 45. याने जिसमें छोटे छोटे चकते शरीर के अधिकांश हिस्सें मैं हो…. करीब 90 प्रतिशत तक विटिलिगो जो हैं इसी प्रकार का होता है. 46. त्वचा की वास्तविक चमक कम हो जाती है, लेकिन त्वचा दूध जैसी सफेद नहीं होती, जैसा कि विटिलिगो में होता है। 47. विटिलिगो मैं जो निशान बनता है …वह पूरी तरह से मिलेनोसाईट्स से रहित होता है इसलिए यह एक सुस्पष्ट सीमाओं वाला सफेद दूध (48. और कई वार यह पूरे पूरे शरीर पर फैल जाती है…..वैसे विटिलिगो नामक इस बीमारी का कुष्ठ रोग से कोई लेना देना नहीं है. 49. शल्य चिकित्सकीय उपचार-जब विटिलिगो कई दिन उपचार करने के बाद भी ठीक नहीं हो रहा होतो ये तरीके काफी कारगर सिद्ध हो सकते हैं. 50. मेलानिन पिगमेंट से हमारी त्वचा का रंग गहरा होता हैं और इसकी कमी से सफ़ेद होने लगता हैं यानी leucoderma या विटिलिगो कि पहली सीढ़ी ।