41. हे विधना तोसों अँचरा पसारि माँगौ जनम जनम दीजो याही ब्रज बसिबो ' पद इन्हीं का है। 42. यहाँ आकस्मिकता और होनी, विधि की विडंबना और विधना में से किसे बलवान समझा जाए. 43. जायसी भी मुहम्मद के मार्ग को श्रेष्ठ मानते हुए भी विधना के अनेक मार्गों को स्वीकार करते हैं। 44. नाती-पोते थे आँखों के तारे, उनमें बसी जान थी-'उनका संकट मुझको दे', विधना से तुमने सदा मनाया. 45. और मैं? मैं विधना की मारी-गंदे नाले की दीवार मे-चौबीस घंटे नगर समाज के गंद को ढ़ोती। 46. * मैंने तुमको, तुमने मुझको क्या-क्या दिया, कौन बतलाये? विधना भी चाहे तो स्नेहिल भेंट नहीं वैसी दे पाये. 47. वह इसे ब्रrा वाक्य मानता रहा कि â € ˜ जो विधना ने लिख दिया, छठी रात के अंक। 48. सब विधना की मर्जी है, फिर तकदीर का रोना क्यों? सब कुछ यहीं रह जाना है, पाप-पुण्य का ढोना क्यों? 49. तिनका तेरे हाथों में है अमर एक रचना का साधन तिनका तेरे पंजे में है विधना के प्राणों का स्पंदन! 50. तिनका? तेरे हाथों में है अमर एक रचना का साधन-तिनका? तेरे पंजे में है विधना के प्राणों का स्पंदन!