41. मुस्लिम समाज में एहसान व्यक्तिवाचक संज्ञा के तौर पर भी इस्तेमाल होता है जैसे एहसान मलिक, एहसान ज़ाफ़री । 42. संज्ञा के ५ प्रकार निम्न हैं: १. व्यक्तिवाचक संज्ञा (प्रोपर नाउन)-जिससे व्यक्ति या स्थान विशेष का बोध हो। 43. जिस संज्ञा शब्द से किसी विशेष, व्यक्ति, प्राणी, वस्तु अथवा स्थान का बोध हो उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं। 44. इस पठन में इस कविता की लेखकीय मुहर, वह एनिग्मैटिक व्यक्तिवाचक संज्ञा ‘ शमशेर ' अनुपस्थित है. 45. व्यक्तिवाचक संज्ञा के रूप मे-पौराणिक संदर्भ मे यम और यमी विवस्वान के जुड़वा पुत्र व पुत्री हैं ।46. चैन शब्द भी व्यक्तिवाचक संज्ञा के तौर पर लोकप्रिय है जैसे चैनसुख, चैनरूप, चैनसिंह, चैनाराम वगैरह वगैरह। 47. कभी-कभी संदर्भ के आधार पर एक ही शब्द दोनों, जातिवाचक संज्ञा और व्यक्तिवाचक संज्ञा के रूप में कार्य कर सकते हैं. 48. चूँकि यह न ही तो किसी बड़े नाम का संक्षिप्त रूप है और न ही किसी व्यक्तिवाचक संज्ञा से जनित नाम। 49. मु स्लिम समाज में एहसान व्यक्तिवाचक संज्ञा के तौर पर भी इस्तेमाल होता है जैसे एहसान मलिक, एहसान ज़ाफ़री । 50. कभी-कभी संदर्भ के आधार पर एक ही शब्द दोनों, जातिवाचक संज्ञा और व्यक्तिवाचक संज्ञा के रूप में कार्य कर सकते हैं.