41. श्लथ होते शरीराकार जैसे मानवीय संघर्ष की निरर्थकता, उसके सम्पूर्ण व्यर्थता-बोध और हमारी उद्देश्यहीन लड़ाई की अभिव्यक्ति बन जाते हैं।42. दीर्घ यंत्रणा से श्लथ शरीर जब चैतन्य हुआ तो शिशु-रुदन की ध्वनि ने पलकों को खुलने को प्रवृत्त किया. 43. दिन भर की भाग दौड, धूल और भाषण बाज़ी से श्लथ होकर वह बिस्तर पर अकेले बैठे थे. 44. लोलक भूकंपलेखी श्लथ युग्मित, जड़त्वीय द्रव्यमान (loosely coupled inertial mass) और भूमि के मध्य की सापेक्ष गति को मापता है। 45. श्लथ होते शरीराकार जैसे मानवीय संघर्ष की निरर्थकता, उसके सम्पूर्ण व्यर्थता-बोध और हमारी उद्देश्यहीन लड़ाई की अभिव्यक्ति बन जाते हैं।46. दिवस के श्रम से श्लथ थकितअवनि हो जाती है जब निद्रितनील-नभ को घेर लेती कालिमाऔर नक्षत्र भी सब होते हैं तंद्रित 47. श्लथ होते शरीराकार जैसे मानवीय संघर्ष की निरर्थकता, उसके सम्पूर्ण व्यर्थता-बोध और हमारी उद्देश्यहीन लड़ाई की अभिव्यक्ति बन जाते हैं।48. सोचते-सोचते जब थक जाते हैं श्लथ तंद्रिल-से, शृंखला टूट जाती है कहीं के तार कहीं से जुड़ जाते हैं. 49. जब रात के दो बजते हैं प्रेम सो चुका होता है श्लथ होकर मेरे आसपास आती है उसके खर्राटों की हल्की-सी आवाज़ 50. जब रात के दो बजते हैं प्रेम सो चुका होता है श्लथ होकर मेरे आसपास आती है उसके खर्राटों की हल्की-सी आवाज़