41. सत्वगुण की सूचक महा सरस्वती हैं, तमोगुण की सूचक महाकाली हैं और रजोगुण की सूचक महालक्ष्मी हैं।42. सत्वगुण का उदय होते ही शिष्य अपने अन्दर से ही प्रकाश मिलने से ज्ञान प्राप्त कर सकते थे।43. चूंकि मां सरस्वती की उत्पत्ति सत्वगुण से मानी जाती है, इसलिए इन्हें श्वेत वर्ण की सामग्रियां विशेष प्रिय हैं। 44. उस समय सत्वगुण से युक्त सर्वव्यापी, सर्वात्मा नारायण जल के मध्य में कमल पर शयन कर रहे थे। 45. यह भी सत्य है क्योंकि उनमें भी सत्वगुण और तामसी गुण कभी न कभी अपना प्रभाव डाल सकते हैं। 46. इस्लाम की विश्वव्यापी आँधी के विरुद्ध सत्वगुण संपन्न हिंदू समाज के भीषण संघर्ष की गाथा बड़ी ही मार्मिक है. 47. सत्वगुण प्रभावान्वित स्थलों पर गुण प्रभाव के चलते व्यक्ति का हृदय, देह, मन आदि शुद्ध हो जाता है ।48. इस्लाम की विश्वव्यापी आँधी के विरुद्ध सत्वगुण संपन्न हिंदू समाज के भीषण संघर्ष की गाथा बड़ी ही मार्मिक है। 49. चूंकि मां सरस्वती की उत्पत्ति सत्वगुण से मानी जाती है, इसलिए इन्हें श्वेत वर्ण की सामग्रियां विशेष प्रिय हैं। 50. हे शिव! उसके बाद सत्वगुण की मात्रा के उत्पन्न होने परप्रजापति ब्रह्मा के मुख से देवता उत्पन्न हुए।