41. इस लोक में सुख भोगकर व्यक्ति अन्त में शिव सायुज्य को प्राप्त करता है। 42. मेजों की दुनिया में मालिक के साथ सायुज्य प्राप्त करने में ही हमारी सद्गति है। 43. तो ये जो सायुज्य मुक्ति है, भक्त लोग इससे बहुत नफ़रत करते हैं. 44. नव वर्ष सौभाग्य प्रदायक-गुह्य रहस्य पद्धति प्रोक्त “आदित्य भैरव सायुज्य श्री सौभाग्य कृत्या प्रयोग” 45. और अन्त में वे सभी पापों से छू टकर सायुज्य मुक्ति को पाते हैं । 46. सायुज्य (भगवान के विग्रहमें समा जाना, उनसे एक हो जाना या ब्रहारुप प्राप्त कर लेना)47. 1-कस्तूरी और चंदन से बने शिवलिंग के रुद्राभिषेक से शिव सायुज्य प्राप्त होता है। 48. भोग भी सालोक्य, सामीप्य, सारूप्य तथा सायुज्य भेद से चार प्रकार का होता है। 49. यक्षिणी सायुज्य पारद गुटिका को प्राप्त कर उस पर भी मूल मंत्र की ५ माला कर लेना 50. प्राणवायू की सहायता से ईश्वर चेतना को उपर उठा कर उसके साथ् सायुज्य स्थापित कर लेते हैं.