41. हे नारद! बड़े भाई बलराम सदा बल से, गद सुकुमारता से और प्रद्युम्न रूपसे मतवाले हुए है; 42. लीला में रूप है, लावण्य है, सुकुमारता है, इन बातों की ओर उसका ध्यान न था। 43. साहित्य दर्पण के अनुसार जिस रचना के अंग-विन्यास में सुकुमारता हो, वह ललित है-“सुकुमारतयाङगानाम विन्यासो ललितं भवेत्।” 44. हे नारद! बड़े भाई बलराम सदा बल से, गद सुकुमारता से और प्रद्युम्न रूप से मतवाले हुए है; 45. हे नारद! बड़े भाई बलराम सदा बल से, गद सुकुमारता से और प्रद्युम्न रूपसे मतवाले हुए है ; 46. भावों की सुकुमारता और निराडंबरी सहजशैली की सरसता के कारण मीरा की व्यथासिक्त पदावली बरबस सबको आकर्षित कर लेती हैं. 47. अर्थात वह कला जिसके अभिवंयजन में सुकुमारता और सौंदर्य की अपेक्षा हो और जिसकी सृष्टि मुख्यतः मनोविनोद के लिए हो। 48. भावों की सुकुमारता और निराडंबरी सहजशैली की सरसता के कारण मीरा की व्यथासिक्त पदावली बरबस सबको आकर्षित कर लेती हैं। 49. अर्थात वह कला जिसके अभिवंयजन में सुकुमारता और सौंदर्य की अपेक्षा हो और जिसकी सृष्टि मुख्यतः मनोविनोद के लिए हो। 50. कैसा है यह चेहरा! प्राणों की दीप्ति उसके कपोलों की कोमलता के बीच कितनी सुकुमारता से चमक उठती हैं!