41. भारतवर्ष में विदेशियों का आगमन मुख्यतः दो मार्गों से हुआ: स्थल मार्ग और जल मार्ग (सामुद्रिक) मार्ग से। 42. तीन सेनाएँ स्थल मार्ग से आसाम, कचार, मणिपुर तथा अराकन की ओर और एक जलमार्गं द्वारा रंगून की ओर भेजी गई। 43. तीन सेनाएँ स्थल मार्ग से आसाम, कचार, मणिपुर तथा अराकन की ओर और एक जलमार्गं द्वारा रंगून की ओर भेजी गई। 44. फोर्ट कोच्ची से वैपीन के लिए स्थल मार्ग से दूरी बहुत ज्यादा होने के कारण अधिकतम यातायात जलमार्ग से ही होता है. 45. बौद्ध साहित्य के अनुशीलन से विदित होता है कि प्राचीन काल में दो प्रकार के मार्ग प्रचलित थे-स्थल मार्ग एवं जल मार्ग। 46. सन् 1612 में अंग्रजों ने अपनी पहली कोठी सूरत में बनवाया और स्थल मार्ग से आगरा और दिल्ली के बीच व्यापार शुरू कर दिया। 47. यहां स्थल मार्ग (काशी विश्वनाथ से आगे) व जलमार्ग (गंगा जी में नाव से होकर) दोनों से आना सहज है। 48. प्राचीन काल में तो बर्मा से, थाईलैंड होते हुये कम्बोडिया के अंगकोर विष्णु मंदिर तक, स्थल मार्ग से यात्रा की परम्परा थी । 49. सन् 1941 में कोलकाता से नेताजी सुभाष चन्द्र बोस अपनी नजरबंदी से भागकर ठोस स्थल मार्ग से जर्मनी पहुंचे, जहां उन्होंने भारत सेना का गठन किया। 50. स्थल मार्ग के द्वारा व्यापार करने वाले व्यापारी को “ थलपथकम्मिका ' एवं जलमार्ग के द्वारा व्यापार करने वाले व्यापारी को ” जलपथकम्मिका ' कहा जाता था।