41. फर्क समझो ; अलार्म की घड़ी बजती है तो तुम स्वप् न में व्याख्या कर लेते हो। 42. जगती आँखों का स्वप् न * *संत* कहते हैं यह जगत रात के स्वप्न की तरह है. 43. दमन से कभी कोई फर्क नहीं आता है, लेकिन दमन से चीजें स्वप् न बन जाती हैं। 44. यदि तुम्हारे मित्र कहें कि हमें भी तुम्हारे स्वप् न को दिखाओ तो तुम कुछ भी नहीं कर सकते। 45. पिताजी, मुझे स्वप् न में भी विश् वास न था कि सिक् ख-सेना ऐसी वीरता दिखलाएगी! ' 46. एक पत्थर उठाकर आपकी खोपड़ी पर मार दे, तो पता चल जाएगा कि जगत स्वप् नवत नहीं है। 47. स्वप् न का नान-एक्सिस्टेंस नहीं है, उसका अन-अस्तित्व नहीं है, वह भी है।48. जब स्वप्न में आप होते हैं, तो स्वप् न नहीं होता वह, वह सत्य ही होता है। 49. एक बार पुन: इस काव्य संग्रह '' स्वप् न मरते नहीं '' के लिये मेरी ओर से शुभकामनाएँ । 50. जगती आँखों का स्वप् न * * संत * कहते हैं यह जगत रात के स्वप्न की तरह है.