41. ये संख्या में चार होती हैं जो स्वरयंत्र के भीतर सामने से पीछे की ओर फैली रहती हैं। 42. स्वरयंत्र ऊपर की ओर लैरिन्जोफैरिन्क्स और नीचे की ओर श्वासनली के साथ मिला रहता है......... > > स्वरयंत्र43. स्वरयंत्र ऊपर की ओर लैरिन्जोफैरिन्क्स और नीचे की ओर श्वासनली के साथ मिला रहता है......... > > स्वरयंत्र 44. स्वरयंत्र की वृद्धि के साथ साथ स्वररज्जुओं की लंबाई बढ़ती है जिससे युवावस्था में स्वर भारी हो जाता है।45. स्वरयंत्र की वृद्धि के साथ साथ स्वररज्जुओं की लंबाई बढ़ती है जिससे युवावस्था में स्वर भारी हो जाता है।46. भोजन को हम निगलते हैं तो उस समय स्वरयंत्र ऊपर को उठता और फिर गिरता हुआ दिखाई देता है। 47. भोजन को हम निगलते हैं तो उस समय स्वरयंत्र ऊपर को उठता और फिर गिरता हुआ दिखाई देता है। 48. स्थान घटक-“स्थान” से मतलब है मुंह के भीतर के स्थान का आकार और तालू और स्वरयंत्र की स्थिति. 49. इसके अस्तर (lining) की रोमिकाएं (cilia) स्वरयंत्र की ओर अर्थात ऊपर की ओर ही गति करती है। 50. ये प्रायः समस्त अस्थियों का पूवर्रूप होती है-क्लोम तथा कण्ठ (स्वरयंत्र ) तरुणास्थि से ही बने होते हैं ।