41. ऐसा ही एक और गाना था “ ओ हंसिनी , मेरी हंसिनी, कहाँ उड़ चली ” । 42. ऐसा ही एक और गाना था “ ओ हंसिनी, मेरी हंसिनी , कहाँ उड़ चली ” । 43. हंस चौंका अरेभाई, यह हंसिनी है मेरीपत्नी, मेरे साथ आई थी व जा रही है. 44. रात हुई तो जिस पेड़ के नीचे हंस और हंसिनी रुके थे उस पर एक उल्लू बैठा था। 45. जिसकी जीभ हंसिनी बनी हुई आपके गुण समूह रूपी मोतियों को चुगती रहती है, हे रामजी! आप उसके 46. अब जान भी लोगे? उल्लू ने कहा-नहीं मित्र! ये हंसिनी आपकी पत्नी थी । 47. हंसिनी बोली मैं बहुत थक गयी हूँ चलो रात यहीं बिताते हैं सुबह होते ही चल पड़ेंगे.48. हंस बोला भाई ये क्या बात कर रहे हो तुम जानते हो कि हंसिनी मेरी पत्नी है. 49. और मुझे उसे टेप में लगाने को कहा! दो पल बाद ही गाना बज उठा ” हंसिनी ... 50. “ हंसिनी ओ मेरी हंसिनी, कहाँ उड़ चली. ” गाया था किसी सिरफिरे ने ये गाना..