1. पश्चिम दिगंचल की सांधय स्वर्णधारा के बीच धाूम्र, कपिश 2. कपिश रंग के नेत्र सौभाग्य की सूचना देते हैं।3. जय हनुमान ज्ञान गुण सागर जय कपिश तिहूँ लोक उजागर……………… 4. इस अवसर पर कपिश मैहरा का जन्मदिन बड़े धूमधाम से मनाया गया। 5. रक्त कपिश या श्वेत कत्था औषधि और पान में उपयोग किया जाता है। 6. नगरहार और गान्धार दोनों देश उस समय कपिश (हिन्दूकुश के पास) के राजा के 7. चतुर्थ कपिश सेफियड वर्ग का सर्वाधिक चमकीला तारा है, जिसे चक्षु से देखा जा सकता है। 8. चतुर्थ कपिश सेफियड वर्ग का सर्वाधिक चमकीला तारा है, जिसे चक्षु से देखा जा सकता है। 9. इनका यह नाम इसलिए पड़ा कि इनकी प्रकृति डेल्टा सेफियस, अथवा चर्तुथ कपिश , की तरह की है। 10. कृपा राम भक्तो पर करते, उनकी पीडा को हर लेते, जय कपिश बलवान की....... उनकी रक्षा करे हनुमान जी............