1. का कर्म होता है, उसको कर्मकारक कहते है. 2. स्पष्ट है खरीदा जाने वाला ' गुब्बारा', पहना जाने वाला 'कोट' और बेचा जाने वाला 'मकान' कर्मकारक हुए। 3. मेवाती में कर्मकारक में ' लू' विभक्ति एवं भूतकाल में 'हा', 'हो', 'ही' सहायक क्रिया का प्रयोग होता है। 4. लेखक ने कर्मकारक एवं सम्प्रदान कारक का रूप ‘‘कुँ” माना है जो दक्खिनी हिन्दी के प्रभाव के कारण है। 5. मेवाती में कर्मकारक में लू विभक्ति एवं भूतकाल में हा, हो, ही सहायक क्रिया का प्रयोग होता है। 6. लेखक ने कर्मकारक एवं सम्प्रदान कारक का रूप ‘‘ कुँ ' ' माना है जो दक्खिनी हिन्दी के प्रभाव के कारण है। 7. डॉ. कपूर ने यह भी बताया कि कर्ता और कर्मकारक में परसर्ग आदि उपपद हो भी सकते हैं और नहीं भी। 8. यक़ीन से यक़ीनन जैसा कर्मकारक बन जाने से निश्चित ही, निश्चयपूर्वक या निश्चित तौर पर जैसी अभिव्यक्तियाँ आसान हो जाती हैं । 9. यक़ीन से यक़ीनन जैसा कर्मकारक बन जाने से निश्चित ही, निश्चयपूर्वक या निश्चित तौर पर जैसी अभिव्यक्तियाँ आसान हो जाती हैं । 10. मेवाती में कर्मकारक में ' लू ' विभक्ति एवं भूतकाल में ' हा ', ' हो ', ' ही ' सहायक क्रिया का प्रयोग होता है।