1. वे हँसकर प्राणियों के कर्मविपाक कहने के लिये उद्यत हो गये। 2. कर्मविपाक संहिता ' में सूर्य को ‘ आधिव्याध्योष्चकर्ता ' कहा गया है।3. उदाहरण के लिये 19वें अध्याय में कर्मविपाक का अंश बाद में जोड़ा गया है। 4. उदाहरण के लिये 19वें अध्याय में कर्मविपाक का अंश बाद में जोड़ा गया है। 5. उदाहरण के लिये 19 वें अध्याय में कर्मविपाक का अंश बाद में जोड़ा गया है। 6. यदि कुंडली में सूर्य अशुभ स्थिति में है नीच का हो तो कर्मविपाक सिद्धांत के अनुसार यह माना जाता हैं। 7. (2) प्रायश्चित्त सुधा निधि-कर्मविपाक नाम से भी प्रख्यात यह ग्रंथ धर्म शास्त्र के प्रायश्चित विषय का विवरण प्रस्तुत करता है। 8. (2) प्रायश्चित्त सुधा निधि-कर्मविपाक नाम से भी प्रख्यात यह ग्रंथ धर्म शास्त्र के प्रायश्चित विषय का विवरण प्रस्तुत करता है। 9. * कलकत्ता से ही 1908 ई. में एम. एन. दत्त ने एक संस्करण प्रकाशित कराया, इसमें भी कर्मविपाक जोड़ा गया है। 10. (2) प्रायश्चित्त सुधा निधि-कर्मविपाक नाम से भी प्रख्यात यह ग्रंथ धर्म शास्त्र के प्रायश्चित विषय का विवरण प्रस्तुत करता है।