1. कलईदार , नक्शदार कटोरे में भर-भरकर ठंडा पानी पिया2. इस प्रकार माँ रसोईघर के सभी बर्तनों को कलईदार बनाकर चमका देती थी. 3. जब ये जलकर कोयला हो जाये तो कलईदार बरतन में आधा किलो पानी में 4. दूध को कलईदार कढ़ाई या स्टील के बर्तन में डालकर उबालें और खूब गाढ़ा कर लें। 5. खुदाई से मस्जिद की ऊपर की खाइयां और मस्जिद के तल के ठीक नीचे कलईदार बर्तन मिले हैं। 6. खुदाई से मस्जिद की उ+पर की खाइयां और मस्जिद के तल के ठीक नीचे कलईदार बर्तन मिले हैं। 7. यह लोहे की कलईदार चादर का, ठक्क्नदार, बेलनाकार डिब्बा होता है जो काठ की बाल्टी में रखा रहता है। 8. इसमें 400 ग्राम मिश्री मिलाएं और कलईदार या स्टील के पात्र में धीमी आंच पर गाढ़ा होने तक पकाएं। 9. ग्वारपाठा का एक किलो गूदा लेकर छान लें और इसे किसी कलईदार बर्तन में रखकर धीमी आंच पर पकाएं। 10. यह लोहे की कलईदार चादर का, ठक्क्नदार, बेलनाकार डिब्बा होता है जो काठ की बाल्टी में रखा रहता है।