1. कुसीद , कृषि और वाणिज्य से समागत द्रव्य मिश्रित बतलाया गया है।2. कुसीद , कृषि और वाणिज्य से समागत द्रव्य मिश्रित बतलाया गया है।3. कुसीद , कृषि और वाणिज्य से समागत द्रव्य मिश्रित बतलाया गया है।4. अनापत्ति काल में अपने हाथ में (स्वयंकृत) कृषि, वाणिज्य, गोपालन और कुसीद 5. ऋण लेने एवं देने की प्रथा प्रचलित थी जिसे ' कुसीद ' कहा जाता था। 6. ऋण लेने एवं देने की प्रथा प्रचलित थी जिसे ' कुसीद ' कहा जाता था। 7. पीछे शुक्राचार्य ने इस वार्ता में कुसीद (बैंकिग) को भी वृत्ति के साधन-रूप में सम्मिलित कर दिया है। 8. पीछे शुक्राचार्य ने इस वार्ता में कुसीद (बैंकिग) को भी वृत्ति के साधन-रूप में सम्मिलित कर दिया है। 9. पीछे शुक्राचार्य ने इस वार्ता में कुसीद (बैंकिग) को भी वृत्ति के साधन-रूप में सम्मिलित कर दिया है। 10. अध्याय-2 चातुर्वर्ण्य विचार, आचार्य का महत्त्व, दरिद्रता की स्थिति में क्षात्र और वैश्यवृत्ति के स्वीकरण की मान्यता, कुसीद (ब्याज लेने) की निन्दा।