1. ऐसे में कृषि मूल्य आयोग का कोई भूमिका ही नहीं रह जाती। 2. जो पूर्णतः कृषि मूल्य आयोग क मुद्रास्फीति के सिद्वांत के बचाव में है। 3. जो पूर्णतः कृषि मूल्य आयोग क मुद्रास्फीति के सिद्वांत के बचाव में है। 4. बिजली विभाग अलग है. कृषि मूल्य आयोग अलग काम करता है. 5. इसके अलावा कृषि मूल्य आयोग व भारत सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीद सुनिश्चित की जानी चाहिए। 6. कृषि मूल्य आयोग (एग्रीकल्चर प्राइस कमीशन या एपीसी) ने लगातार चार साल तक यही कीमतें निर्धारित की थीं.7. इस तरह अगर देखा जाए तो कृषि मूल्य आयोग और उनके दल ने घोषणा करने के पूर्व विचार नहीं किया। 8. इस तरह अगर देखा जाए तो कृषि मूल्य आयोग और उनके दल ने घोषणा करने के पूर्व विचार नहीं किया। 9. कृषि मूल्य आयोग (एग्रीकल्चर प्राइस कमीशन या एपीसी) ने लगातार चार साल तक यही कीमतें निर्धारित की थीं.10. कृषि मूल्य आयोग द्वारा प्रस्तावित कोई भी मूल्य क्रिया न तो मुद्रास्फीति का कारण है और ना ही उसे नियंत्रित करती है।