1. गुरुत्वीय बल का सीधा संबंध द्रव्यमान से है।2. क्योंकि रोशनी की किरण तक को इसका तीव्र गुरुत्वीय बल अपने अंदर खींच लेता है। 3. क्योंकि रोशनी की किरण तक को इसका तीव्र गुरुत्वीय बल अपने अंदर खींच लेता है। 4. गुरुत्वीय बल तरंगें, गुरुत्वीय क्षेत्र का वेग, गुरुत्वीय प्रभाव प्रकाश के वेग से आगे बढ़ते हैं.5. जिस पिंड का गुरुत्वीय बल जितना ज़्यादा होगा, उसका पलायन वेग भी उतना ही बढ़ जाएगा। 6. आम भाषा में कहें तो ब्लैक होल एक ऐसा तारा है जिसका गुरुत्वीय बल असीमित है। 7. जिस पिंड का गुरुत्वीय बल जितना ज़्यादा होगा, उसका पलायन वेग भी उतना ही बढ़ जाएगा। 8. बल अनेक प्रकार के होते हैं जैसे-गुरुत्वीय बल , विद्युत बल, चुम्बकीय बल, पेशीय बल (धकेलना/खींचना) आदि। 9. ये पलायन वेग उस पिंड के आकार, घनत्व या यूं कहें कि गुरुत्वीय बल पर निर्भर करता है। 10. दो कणो के बीच गुरुत्वीय बल दोनो कणो के द्रव्यमान और बीच की दूरी पर निर्भर करता है।