1. प्रोफ़ेसरी अपनी जगै है और कविता अपनी जगै।2. उज्जवल भविष्य वाली सरकारी नियुक्ति को विश्वविद्यालय की प्रोफ़ेसरी 3. ग़ालिब का प्रोफ़ेसरी से इनकार 1842 ई. 4. और आज कल गवन्मेंट कॉलेज में प्रोफ़ेसरी कर रहा है... 5. मेरी तरह की सरकारी नौकरी न करिये, पर प्रोफ़ेसरी तो बड़ी अच्छी चीज़ है। 6. कहीं न कहीं मैं आज भी अन्तश्चेतन में प्रोफ़ेसरी को बहुत बड़ी चीज़ समझता हूँ. 7. मुझे डॉ. इन्द्रनाथ मदान का प्रोफ़ेसरी का इंटरव्यू याद आ गया जो उन्होंने स्वयं बताया था. 8. रमण ने एक लाभप्रद और उज्जवल भविष्य वाली सरकारी नियुक्ति को विश्वविद्यालय की प्रोफ़ेसरी के साथ बदलने का निर्णय लिया । 9. तब मुझे पता चला था कि प्रोफ़ेसरी से पहले कलानाथ मिश्र पत्रकारिता के दश्त में भी ख़ूब सैयाही कर चुके हैं। 10. आप इत्ता ढेर लिखे हो उनका सायक्लोजी पर..तो बियाह काहे नहीं करते..हम आपका प्रोफ़ेसरी ..बियाह के बाद वाला देखना चाहते हैं