1. अश्वगंधा बल्य (टॉनिक) है. यह काम क्षमता बढ़ता है. 2. यूनानी मतानुसार शंखपुष्पी तर है तथा बल्य रसायन है । 3. इसीलिए इसे बल्य महाकषाय की उपमा आचार्य श्री ने दी है । 4. इनमें भी बल्य व रसायन क्षमता वैज्ञानिकों ने अच्छी पाई है । 5. अंशो के आधार पर ही ग्रह की बल्य , युवावस्था एवं वृद्धावस्था का पता चलता है. 6. मस्तिष्क दौर्बल्य के अलावा यह एक सामान्य दौर्बल्य में हितकारी बल्य रसायन भी है । 7. अंशो के आधार पर ही ग्रह की बल्य , युवावस्था एवं वृद्धावस्था का पता चलता है. 8. ब्राहट्स डिसीज नामक एक एलर्जीक संक्रमण पर भी इसका प्रभाव मारक एवं बल्य दोनों ही रूपों में पड़ता है । 9. क्षय रोग में अन्य जीवाणुनाशी औषधियों के साथ बल्य रूप में मूलचूर्ण को गोघृत या मिश्री के साथ देते हैं । 10. . (शार् गधर) चरक महाराज ने इसके बल और बृंहण गुणों को ध्यान में रखते हुए इसकी बल्य एवंबृंहणीय दशेमानि में गणना की है.