1. पहाड़ों में बिच्छू बूटी बहुत मात्रा में होती है.. 2. बिच्छू बूटी भी यहां बहुत है।3. बिच्छू बूटी उष्ण वीर्य, वातकफनाशक और पित्त को बढ़ाने वाला होता है।4. बिच्छू बूटी गर्म, वात-कफनाशक और पित्त को बढ़ाने वाला होता है।5. बीच-बीच में कंटीला घिंघारु, किरमोड़ा और सिसुणा यानी बिच्छू बूटी भी। 6. काळि बिच्छू बूटी सिसुणा मंडुवा की रोटीः सिसुणा का साग हाल ही में पहाड़ गया था। 7. बिच्छू बूटी के नजदीक ही एक नाजुक सी घास होती है जिसे लगाने से बिच्छू बूटी के जहर से बचा जा सकता है..8. बिच्छू बूटी के नजदीक ही एक नाजुक सी घास होती है जिसे लगाने से बिच्छू बूटी के जहर से बचा जा सकता है.. 9. उन्हें प्याज, लहसुन, मूली, अदरक, मिर्च, रेवन्दचीनी, तोरी, मजीठ और बिच्छू बूटी के रस का सेवन करना चाहिये। 10. प्रमेह: बिच्छू बूटी के बीज लगभग आधा ग्राम को 6 ग्राम मिश्री के साथ पीसकर ताजे गाय के दूध के साथ सुबह-शाम सेवन करने से लाभ मिलता है।