1. रात्रिभोजन का त्याग, स्वर्ग के द्वार का आगमन हैं|2. रात्रिभोजन न करने के वैज्ञानिक कारण,3. बीच में जलपान (जो लगभग रात्रिभोजन सरीखा ही था) 4. (2) वे किसी भी परिस्थिति में रात्रिभोजन नहीं कर सकते। 5. पहले दिन रात्रिभोजन के उपरांत सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। 6. पहले दिन रात्रिभोजन के उपरांत सांस् कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। 7. कल ऑफ़िस से वही देर से आये, रात्रिभोजन और टहलन के पश्चात १० मिनिट टीवी के 8. हिंदुओं के प्राचीन शास्त्रों में यह कहा गया है कि, “चत्वारि नरक्द्वाराणि प्रथमं रात्रिभोजनम्”, मतलब रात्रिभोजन नरक का पहला द्वार है| 9. यदि आप अब तक के जीवन की रात्रिभोजन के पाप की गणना करते हैं तो संचित कर्मो की राशि असंख्य हो जाती हैं| 10. कल ऑफ़िस से वही देर से आये, रात्रिभोजन और टहलन के पश्चात १० मिनिट टीवी के लिये होते हैं और फ़िर शुभरात्रि का समय हो जाता है।