1. 466-485 में क्रियाओं की रूपावली है । 2. 466-485 में क्रियाओं की रूपावली है । 3. परंतु व्याकरण के कारण सामान्य रूपावली को छोड़ देना पड़ा है । 4. उन्होंने केवल मूल शब्दों की केवल रूपावली बनाते समय ह्रस्वीकरण की चर्चा की है । 5. उन्होंने केवल मूल शब्दों की केवल रूपावली बनाते समय ह्रस्वीकरण की चर्चा की है । 6. इससे यह निष्कर्ष निकला कि बँगला आदि में पश्चिमी हिन्दी से बढ़कर कुछ संयोगावस्थापन्न रूपावली नहीं मिलती। 7. खूबसूरत मनुश्य के लिए इस शब्द से बने कई नाम है जैसे रूपाली जो बना है रूपावली से। 8. खूबसूरत मनुश्य के लिए इस शब्द से बने कई नाम है जैसे रूपाली जो बना है रूपावली से। 9. तीसरे पृष्ठ से हिन्दी शब्दों की रूपावली चालू होती है-पहले संज्ञा की और फिर सर्वनाम की । 10. तीसरे पृष्ठ से हिन्दी शब्दों की रूपावली चालू होती है-पहले संज्ञा की और फिर सर्वनाम की ।