1. विश्ववाद देशों औरजातियों के परस्परआदान-प्रदान को स्वीकार नहींकरता.2. राष्ट्रवाद या विश्ववाद या फ़िर पृथ्वी वा द! 3. तब हिन्दी चिठेरी हिन्दीवाद-समाजवाद-रूमानियत से उबर कर विश्ववाद में प्रवेश कर जायेगी. 4. इसीलिए वे कहते भी हैं कि विश्ववाद की जुबान स्थानीय ही होगी। 5. इसलिए पंचायतवाद को भारतवाद और अंततः विश्ववाद से जोड़ने की जरूरत है। 6. राष्ट्रवाद या विश्ववाद या फ़िर पृथ्वीवाद! अगर दुनिया एक मुल्क हो जाये तो! 7. सारी कमियां विश्ववाद और बाजार (यानी अमेरिका) पर मढ़ कर हम सामुहिक विलाप करें. 8. राष्ट्रवाद या विश्ववाद या फ़िर पृथ्वीवाद! अगर दुनिया एक मुल्क हो जाये तो क्या होगा राष्ट्रवादियों, भ … 9. यह बोली भारत के इतिहास, उसकी समन्वयवादी संस्कृति और उसकी एक विश्ववाद की पैरवी की बोली थी. 10. पुराण भी मगदेशियों के चार वेद बताते हैं-वाद, विश्ववाद , विदुत और ' आंगिरस ' ।