1. परिपक्व खंडों से भारी संख्या में संसेचित अंडे निकलते हैं। 2. परिपक्व खंडों से भारी संख्या में संसेचित अंडे निकलते हैं। 3. मधुमक्खियाँ कुछ संसेचित और कुछ असंसेचित या अगर्भित अंडे देती हैं। 4. इनमें केवल एक ही शुक्राणु डिंब को संसेचित करने का काम करता है। 5. प्रत्येक कशेरुकदंडी अपना जीवन एक संसेचित अंडे के रूप में प्रारंभ करता है। 6. चार में से तीन संसेचित डिम्ब प्रारंभिक दिनों में ही खो जाते हैं । 7. बाद में संसेचित अंडा दो, चार, आठ या इससे अधिक कोशिकाओं में विभक्त होता है। 8. में चक्रीय अनिषेकजनन होता है, अर्थात असंसेचित और संसेचित अंडों में उत्पादन नियमानुसार क्रम से होता रहता है। 9. अनिषिक्त अंडों की पीढ़ी और संसेचित अंडों की पीढ़ी, एक के पश्चात् एक, क्रमानुसार उत्पन्न होती रहती है। 10. अनिषिक्त अंडों की पीढ़ी और संसेचित अंडों की पीढ़ी, एक के पश्चात् एक, क्रमानुसार उत्पन्न होती रहती है।