1. आज भी ज्ञानदत्तजी और आलोक पुराणिकजी तो सबेरे की चाय के साथी हैं। 2. आज भी ज्ञानदत्तजी और आलोक पुराणिकजी तो सबेरे की चाय के साथी हैं। 3. ज्ञानदत्त पाण्डेयजी और आलोक पुराणिक आजकल हमारी सबेरे की चाय से जुड़ गये हैं। 4. ज्ञानदत्त पाण्डेयजी और आलोक पुराणिकजी आजकल हमारी सबेरे की चाय से जुड़ गये हैं। 5. ज्ञानदत्त पाण्डेयजी और आलोक पुराणिक आजकल हमारी सबेरे की चाय से जुड़ गये हैं। 6. ज्ञानदत्त पाण्डेयजी और आलोक पुराणिकजी आजकल हमारी सबेरे की चाय से जुड़ गये हैं। 7. ज्ञानदत्त पाण्डेयजी और आलोक पुराणिकजी आजकल हमारी सबेरे की चाय से जुड़ गये हैं। 8. इधर शामिल हुये लोगों में ज्ञानदत्तजी और आलोक पुराणिकजी तो सबेरे की चाय के साथी हो गये हैं। 9. इधर शामिल हुये लोगों में ज्ञानदत्तजी और आलोक पुराणिकजी तो सबेरे की चाय के साथी हो गये हैं। 10. सबेरे की चाय हमे वैसे मिलती तो नहीं थी कभी, खुद ही बनानी पड़ती थी, सो आज भी नहीं मिली थी.