1. हे नाथ समाधित होता है तब, 2. अनायास ही, पंचाग्नि से समाधित यग्य अग्नि सी । 3. इस प्रकार कर्म करते समय जो ब्रह्म मे समाधित हैं, 4. लय विलय हो प्राण में तब हो समाधित खो न खोते।। 5. इस प्रकार कर्म करते समय जो ब्रह्म मे समाधित हैं, वे ब्रह्म को ही प्राप्त करते हैं॥ 6. सुमित्रानंदन पन्त भी चले तो बहुत ज़ोर-शोर से, पर आगे चलकर अरविंद के दर्शन में समाधित हो गए. 7. सुमित्रानंदन पन्त भी चले तो बहुत ज़ोर-शोर से, पर आगे चलकर अरविंद के दर्शन में समाधित हो गए। 8. अगर आप इसी अध् याय का 29 वां श् लोक भी देखते तो आपकी ये शंका स् वयं ही समाधित हो जा ती।। 9. कुछ समय तर्कहीन हो जाने पर चुप बैठ जाते है, फिर कुछ समय बाद वही घिसे-पिटे समाधित किये जा चुके तर्क लेकर फिर आ धमकते है. 10. स्रष्टि के आदि पृश्नों के उत्तर ढूंढ़ने की यह यात्रा समाप्त हो चुकी है और अब सभी प्रश्न समाधित हो चुके हैं बस अन्धानुकरण करते रहिये..