1. सुदम्य तृतीयक, पारी का बुखार या अंतरिया ज्वरकारक,2. Vivax) सुदम्य तृतीयक, पारी का बुखार या अंतरिया ज्वरकारक, 3. शीघ्र भर जानेवाले व्रण को सुदम्य व्रण कहते हैं। 4. इसका कारण हॉरमोनों का असंतुलन अथवा सुदम्य अर्बुद होता है। 5. प्रॉस्टेट ग्रंथि की सुदम्य अधिवृद्धि ( 6. इसे पुरःस्थ ग्रंथि का सुदम्य अतिविकसन भी कहा जा सकता है। 7. जैसे-जैसे पुरुषों की आयु बढ़ती है पुरःस्थ का सुदम्य अतिविकसन होना एक आम बात है। 8. प्रॉस्टेट ग्रंथि की सुदम्य अधिवृद्धि (benign hyperplasia) तथा कैंसर प्रौढ़ों में मूत्र अवरोध के सामान्य कारण हैं। 9. शुक्राशय, मूत्रमार्ग, शिश्न तथा अन्य भागों में भी सुदम्य तथा दुर्दम्य दोनों ही प्रकार के अर्बुद निकल सकते हैं। 10. शुक्राशय, मूत्रमार्ग, शिश्न तथा अन्य भागों में भी सुदम्य तथा दुर्दम्य दोनों ही प्रकार के अर्बुद निकल सकते हैं।