गंगेश उपाध्याय sentence in Hindi
pronunciation: [ ganegaesh upaadheyaay ]
Sentences
Mobile
- इसका प्रवर्तन गंगेश उपाध्याय (१२वीं शताब्दी) ने अपने प्रख्यात ग्रंथ “तत्वचिंतामणि'में किया। ”प्राचीन न्याय' (प्रथम धारा) में पदार्थों की मीमांसा मुख्य विषय है, “नव्यन्याय' (द्वितीय धारा) में प्रमाणों का विश्लेषण मुख्य लक्ष्य है।
- (गंगेश उपाध्याय * वाइल्ड लाइफ़ जर्नलिस्ट के तौर पर पिछले कई वर्षों से हिन्दुस्तान अखबार में लेखन, लखीमपुर खीरी में निवास, वन्य जीवन के महत्वपूर्ण मसलों पर तीक्ष्ण युवा तेवर! इनसे [email protected] पर संपर्क कर सकते हैं)
- न्याय दर्शन से सम्बद्ध ' उद्योतकर ' का ' न्यायवार्तिक ', ' वाचस्पति मिश्र ' की ' तात्पर्यटीका ', ' जयन्तभट्ट ' की ' न्यायमञ्जरी ', ' उदयनाचार्य ' की ' न्याय-कुसुमाज्जलि ', ' गंगेश उपाध्याय ' की ' तत्त्वचिन्तामणि ' आदि ग्रन्थ अत्यन्त प्रशस्त एवं लोकप्रिय हैं।
- More Sentences: 1 2
ganegaesh upaadheyaay sentences in Hindi. What are the example sentences for गंगेश उपाध्याय? गंगेश उपाध्याय English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.