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घर्घर sentence in Hindi

pronunciation: [ ghergher ]
"घर्घर" meaning in English
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  • जनता जब् कोपाकुल् हो भृकुटी चढ़ाती है, दो राह, समय के रथ का घर्घर नाद सुनो, सिहासन खाली करो की जनता आती है।
  • मैं सोचने लगा और महसूस करने लगा वो नजारा और सुगबुगाहटे-एंबैसैडर का घर्घर नाद सुनो, सड़कें खाली करो कि बाई की एंबैसैडर आती है।
  • और यदि वह न बदलती और व्यावसायिक संघर्ष आरंभ हो जाता-मशीन का रथ घर्घर चल पड़ता-विज्ञान का सावेग धावन चल निकलता, तो बड़ा बुरा होता।
  • फ़ावडे और हल राजदण्ड बनने को है, धुसरता सोने से श्रृंगार सजाति है, दो राह, समय के रथ का घर्घर नाद सुनो, सिहासन खाली करो की जनता आती है।
  • वही वाणी का मेघमन्द्र स्वर, वही गति का घर्घर नाद, वही हिमालय की तुंगता, वही समुन्द्र का आलोड़न, वही सामाजिक यथार्थ की तिक्तता, सब कुछ चिरपरिचित लगता है ।
  • सदियों की ठंडी, बुझी आग सुगबुगा उठी, मिट्टी सोने का ताज पहन इठलाती है, दो राह समय के रथ का घर्घर नाद सुनो, सिंहासन खाली करो कि जनता आती है।
  • मिट्टी सोने का ताज पहन इठलाती है, हुँकारों से महलों की नींव उखड जाती, सांसो के बल से ताज हवा में उड़ते हैं, दो राह समय के रथ का घर्घर नद सुनो, सिंहासन खाली करो की जनता आती
  • हैँ वलयोँ के द्वार खुले, लहराते नीले जल पर! सागर के वक्षसे उठता, महाकाल का घर्घर स्वर, सृष्टि के प्रथम सृजन सा, तिमिराच्छादीत महालोक बूँद बनी है लहर यहाँ, लहरोँ से उठता पारावार, बहुत सुन्दर.
  • अब नहीं लगता कि कविता कभी चीखकर कह सकेगी उठो समय के घर्घर रथ का नाद सुनो, सिंहासन खाली करो कि जनता आती है मैंने ऊपर जो पंक्तियां आज शीर्षक में ली हैं वो हैं पाकिस् तान के शाइर जनाब इक़बाल हैदर की ।
  • इस स्थिति का वर्णन रामधारी सिंह दिनकर ने इन शब्दों में किया है-… होता है भूडोल, बवंडर उठते हैं जनता जब कोपाकुल हो भृकुटि चढ़ाती है दो राह, समय के रथ का घर्घर नाद सुनों सिंहासन खाली करो कि जनता आती है।
  • आज का दौर हताशा और निराशा का दौर है लोग राजनीति से परेशान हैं और कोई भी जनकवि नहीं आ रहा जो चीख के कहे ' उठो समय के घर्घर रथ का नाद सुनो, सिंहासन खाली करो के जनता आती है ' तो मैं आप सब से यही चाहता हूं कि आप अब से जो भी लिखें उसमें आज का चित्रण हो ।
  • कब मक्का सी पीली धूप, हरी अँबियोँ से खेलेगी? कब नीले जल मेँ तैरती मछलियाँ, अपना पथ भूलेँगीँ? क्या पानी मेँ भी पथ बनते होँगेँ? होते होँगे, बँदनवार? क्या कोयल भी उडती होगी, निश्चिन्त, गगन पथ निहार? हैँ वलयोँ के द्वार खुले, लहराते नीले जल पर! सागर के वक्षसे उठता, महाकाल का घर्घर स्वर, सृष्टि के प्रथम सृजन सा, तिमिराच्छादीत महालोक बूँद बनी है लहर यहाँ, लहरोँ से उठता पारावार, बहुत सुन्दर.
  • हैँ वलयोँ के द्वार खुले, लहराते नीले जल पर! सागर के वक्षसे उठता, महाकाल का घर्घर स्वर, सृष्टि के प्रथम सृजन सा, तिमिराच्छादीत महालोक बूँद बनी है लहर यहाँ, लहरोँ से उठता पारावार, ज्योति पूँज सूर्य उद्`भासित, बादल के पट से झुककर चेतना बनी है नैया, हो लहरोँ के वश, बहती जाती ~ क्षितिज सीमा जो उजागर, काली एक लकीर महीन! वही बनेगी धरा, हरी, वहीँ रहेगी, वसुधा, अपरिमित! गा रही हूँ गीत आज मैँ, प्रलय ~ प्रवाह निनादित~ बजते पल्लव से महाघोष, स्वर, प्रकृति, फिर फिर दुहराती!
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ghergher sentences in Hindi. What are the example sentences for घर्घर? घर्घर English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.