बृहती sentence in Hindi
pronunciation: [ beriheti ]
"बृहती" meaning in HindiSentences
Mobile
- आपने शालिकनाथ की बृहती, पंचिक्रा आदि को आधार मानकर बारह अध्याय के ऊपर ' नयविवेक ' नाम से एक टीका लिखी है।
- अपने स्वतंत्र मत की प्रतिष्ठापना करने हेतु, इन्होंने ‘शाबरभाष्य' पर बृहती अथवा निबन्धन तथा लघ्वी अथवा विवरण नामक दो टीकाएँ भी लिखी हैं।
- सिद्धिदायक: ॥ अर्थ:-विष्णु ने कहा-शनैश्चर! इस संसारमोहन नामक कवच के प्रजापति ऋषि हैं, बृहती छन्द है और स्वयं लम्बोदर गणेश देवता हैं।
- जो मानसोत्तर पर्वत पर स्थित है । गायत्री । बृहती । उष्णिक । जगती । त्रिष्टुपि । अनुष्टुप । पंक्ति ये सात छ्न्द ।
- नाटकमीमांसा, अलंकारानुसारिणी, अलंकारमंजरी, अलंकारवार्तिक, (नाट्यशास्त्र, सुलंकारशास्त्र), श्रीकंठस्तव (काव्य), हर्षचरितवार्तिक, तथा बृहती (टीकाएँ) की सूचना संदर्भों से मिलती है पर अभी तक प्राप्य नहीं हैं।
- संसार में आप मुख्य हैं आपके लिए नमस्कार, रेवती रूप आपके लिए नमस्कार, तुझ बृहती के लिए नमस्कार एवं तुझ लोकधात्री के लिए नम: है।।9।।
- उन्होंने ईश्वर प्रत्याभिज्ञा की बृहती वृत्ति सन् 1015 ई ० में लिखी थी और क्रम स्त्रोत की रचना सन् 991 ई ० में की थी।
- संसार में आप मुख्य हैं आपके लिए नमस्कार, रेवती रूप आपके लिए नमस्कार, तुझ बृहती के लिए नमस्कार एवं तुझ लोकधात्री के लिए नम: है।।9।।
- इसी प्रकार साधक का मनोमय कोश रूपी द्यौ तथा प्राणान्नमय रूपी पृथिवी की संयुक्त इकाई द्यावापृथिवी भी बृहती कही जाती है (ऋग्वेद १.
- संसार में आप मुख्य हैं आपके लिए नमस्कार, रेवती रूप आपके लिए नमस्कार, तुझ बृहती के लिए नमस्कार एवं तुझ लोकधात्री के लिए नम: है।।9।।
- वेदों में मुख्य रूप से 7 छंद प्रयुक्त हुए हैं जिनके नाम गायत्री, उष्णिह्, अनुष्टुभ, बृहती, पंक्ति, त्रिष्टुभ और जगती हैं।
- आनन्द गिरि स्वामी ने टीका में प्रभाकर के सिद्धान्तों का इतना विशद व स्पष्ट वर्णन किया है कि बृहती आदि से भी ज्यादा हृदयग्राही निरूपण बन गया है।
- संसार में आप मुख्य हैं आपके लिए नमस्कार, रेवती रूप आपके लिए नमस्कार, तुझ बृहती के लिए नमस्कार एवं तुझ लोकधात्री के लिए नम: है।।
- आनन्द गिरि स्वामी ने टीका में प्रभाकर के सिद्धान्तों का इतना विशद व स्पष्ट वर्णन किया है कि बृहती आदि से भी ज्यादा हृदयग्राही निरूपण बन गया है।
- वहां लिखा है, ‘‘ भूर्भुवः स्वः ‘‘ (देवी बृहती छंद). तत्सवितु. (निचृद् गायत्री छंद) ‘‘ अर्थात यजुर्वेदीय छंद में देवीबृहती छंद और निचृद् गायत्री छंद का मिश्रण है।
- बृहती या निबन्धन-यह शबर भाष्य की व्याख्या है और वास्तविक अर्थ में इसे टीका कहा जा सकता है, क्योंकि इसमें सर्वत्र भाष्य की व्याख्या ही की गई है, कहीं भी उसकी आलोचना नहीं की गई है।
- विष्णु पुराण में उतथ्य-पत्नी ममता के गर्भ से अन्धे दीर्घतमा की उत्पत्ति के संदर्भ में ऐसा कहा जा सकता है कि जब तक उतथ्य बृहस्पति रूपी बृहती बुद्धि का आदर नहीं करेगा, तब तक वह अन्धा पुत्र ही उत्पन्न कर सकता है ।
- स्वामी दयानंद ने लिखा है, ‘‘ भूर्भुवः स्वः-इसमें ‘ देवी बृहती ‘ छंद है और ‘ तत्सवितु ‘ इत्यादि में ‘ निचृद् गायत्री ‘. इस से जहां हमारी इस का नामकरण करने की मुश्किल हल हुई है, वहां हमें यह भी पता चलता है कि मंत्रकार में वह चाहे ईश्वर (?) हो या वैदिक काल का कोई कवि इतना समर्थ नहीं था कि वह तीन पाद का एक शुद्ध छंद रच सके।
- इस बगलामुखी मन्त्र के नारद ऋषि है, बृहती छंद है, बगलामुखी देवता हैं, ह्लीं बीज है, स्वाहा शक्ति है और सभी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिये इस मन्त्र के जप का विधान है | इसका पुरश्चरण एक लाख जप है | चंपा के फूलों से दस हजार होम करना चाहिये, एक हजार बार तर्पण करना चाहिये सौ बार मार्जन करना चाहिये और दस ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिये | इससे मन्त्र सिद्ध हो जाता है | जब मन्त्र सिद्ध हो जाये तब प्रयोग करना चाहिये |
- More Sentences: 1 2
beriheti sentences in Hindi. What are the example sentences for बृहती? बृहती English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.