भास्कर प्रथम sentence in Hindi
pronunciation: [ bhaasekr perthem ]
Sentences
Mobile
- कुट्टक की विधि में भी आर्यभट्ट प्रथम, भास्कर प्रथम तथा बह्मगुप्त की विधियों से कुछ उन्नति दिखाई पड़ती है।
- कुट्टक की विधि में भी आर्यभट्ट प्रथम, भास्कर प्रथम तथा बह्मगुप्त की विधियों से कुछ उन्नति दिखाई पड़ती है।
- ' कुट्टक की विधि' में भी आर्यभट्ट प्रथम, भास्कर प्रथम तथा बह्मगुप्त की विधियों से कुछ उन्नति दिखाई पड़ती है।
- रोचक जानकारियों का खजाना भास्कर प्रथम पुरस्कार की विजेता बनी समीना बी पिछले 5 सालों से भास्कर की नियमित पाठक है।
- आर्यभट ने गणित और खगोल विज्ञान मे बहुत से महत्वपूर्ण और साहसिक कार्य किये, जिनका प्रभाव शताब्दियो बाद भी देखा जा सकता है| भास्कर प्रथम ने भाष्य (
- इस पुस्तक का यह नाम भी बाद के टिप्पणीकारो ने दिया| आर्यभट ने सम्भवतः इसे कोई नाम नही दिया था| आर्यभट के अनुगामी भास्कर प्रथम ने इसे “
- 41-भास्कर प्रथम:-सातवीं शताब्दी के सुविख्यात खगोलशस्त्री भारत के दूसरा उपग्रह इन्हीं के नाम उनका यशगान करता हुआ अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया है।
- यद्यपि भास्कर प्रथम, जन्म 6वीं सदी, सौराष्ट्र् में, और अश्मक विज्ञान विद्यालय, निजामाबाद, आंध्र के विद्यार्थी, ने उनकी प्रतिभा को और उनके वैज्ञानिक योगदान के असीम महत्व को पहचाना।
- यद्यपि भास्कर प्रथम, जन्म 6वीं सदी, सौराष्ट्र् में, और अश्मक विज्ञान विद्यालय, निजामाबाद, आंध्र के विद्यार्थी, ने उनकी प्रतिभा को और उनके वैज्ञानिक योगदान के असीम महत्व को पहचाना।
- ग्रंथ की संक्षिप्तता की चरम सीमा का वर्णन उनके शिष्य भास्कर प्रथम (भाष्य, ६०० और) द्वारा अपनी समीक्षाओं में किया गया है और अपने आर्यभटीय भाष्य (१४६५) में नीलकंठ सोमयाजी द्वारा।
- ग्रंथ की संक्षिप्तता की चरम सीमा का वर्णन उनके शिष्य भास्कर प्रथम (भाष्य, ६०० और) द्वारा अपनी समीक्षाओं में किया गया है और अपने आर्यभटीय भाष्य (१४६५) में नीलकंठ सोमयाजी द्वारा।
- कुछ प्रमुख टीकाओं की चर्चा नीचे की जा रही है-आर्यभटीय की टीकाएँ आर्यभटीय पर लिखी टीकाओं में सर्वाधिक प्रचलित एवं प्रसिद्ध टीका भास्कर प्रथम की महाभास्करीय हैं जो ६२९ ई. में लिखी गई।
- आर्यभटीय नाम बाद के टिप्पणीकारों द्वारा दिया गया है, आर्यभट्ट ने स्वयं इसे नाम नही दिया होगा ; यह उल्लेख उनके शिष्य भास्कर प्रथम ने अश्मकतंत्र या अश्माका के लेखों में किया है।
- आर्यभट्ट के अधूरे कार्य को भास्कर प्रथम ने सम्हाला और ग्रहों के देशांतर, ग्रहों के परस्पर तथा प्रकाशमान नक्षत्रों से संबंध, ग्रहों का उदय और अस्त होना तथा चंद्रकला जैसे विषयों की विशद विवेचना की।
- आर्यभट्ट के अधूरे कार्य को भास्कर प्रथम ने सम्हाला और ग्रहों के देशांतर, ग्रहों के परस्पर तथा प्रकाशमान नक्षत्रों से संबंध, ग्रहों का उदय और अस्त होना तथा चंद्रकला जैसे विषयों की विशद विवेचना की।
- कुछ प्रमुख टीकाओं की चर्चा नीचे की जा रही है-आर्यभटीय की टीकाएँ आर्यभटीय पर लिखी टीकाओं में सर्वाधिक प्रचलित एवं प्रसिद्ध टीका भास्कर प्रथम की महाभास्करीय हैं जो ६ २ ९ ई. में लिखी गई।
- यद्यपि भास्कर प्रथम, जन्म 6 वीं सदी, सौराष्ट्र् में, और अश्मक विज्ञान विद्यालय, निजामाबाद, आंध्र के विद्यार्थी, ने उनकी प्रतिभा को और उनके वैज्ञानिक योगदान के असीम महत्व को पहचाना।
- आर्यभट के अधूरे कार्य को भास्कर प्रथम ने सम्हाला और ग्रहों के देशांतर, ग्रहों के परस्पर तथा प्रकाशमान नक्षत्रों से संबंध, ग्रहों का उदय और अस्त होना तथा चंद्रकला जैसे विषयों की विशद विवेचना की।
- ग्रंथ की संक्षिप्तता की चरम सीमा का वर्णन उनके शिष्य भास्कर प्रथम (भाष्य, ६ ०० और) द्वारा अपनी समीक्षाओं में किया गया है और अपने आर्यभटीय भाष्य (१ ४ ६ ५) में नीलकंठ सोमयाजी द्वारा।
- आर्यभट-सिद्धान्त, उनके द्वारा रचित एक अन्य ग्रन्थ था जिसमे खगोलीय गणनायें दी गयी थी| परन्तु अब यह ग्रन्थ लुप्त हो गया है| इसकी जानकारी वाराहमिहिर, ब्रह्मगुप्त, और भास्कर प्रथम के लेखों से मिलती है| यह ग्रन्थ प्राचीन सूर्य-सिद्धान्त पर आधारित प्रतीत होता है जिसमे अर्ध-रात्रिका (जिसमे दिन का आरम्भ अर्ध-रात्रि से माना जाता है)
bhaasekr perthem sentences in Hindi. What are the example sentences for भास्कर प्रथम? भास्कर प्रथम English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.