हिंदी Mobile
Login Sign Up

स्थानिक प्रयोग sentence in Hindi

pronunciation: [ sethaanik peryoga ]
"स्थानिक प्रयोग" meaning in English
SentencesMobile
  • यह अटल नियम चुम्बकों के सार्वदैहिक प्रयोग पर ही लागू होता है, जबकि स्थानिक प्रयोग की अवस्था में रोग संक्रमण, दर्द, सूजन आदि पर अधिक ध्यान दिया जाता है।
  • यह अटल नियम चुम्बकों के सार्वदैहिक प्रयोग पर ही लागू होता है, जबकि स्थानिक प्रयोग की अवस्था में रोग संक्रमण, दर्द, सूजन आदि पर अधिक ध्यान दिया जाता है।
  • चुम्बकों के प्रयोग में अधिकतर कई प्रकार के रोगों के लक्षणों के आधार पर चुम्बकों का स्थानिक प्रयोग या सार्वदैहिक प्रयोग 10 मिनट से लेकर 30 मिनट तक अच्छा माना जाता है।
  • स्थानिक प्रयोग में भाषा में लिंग त्रुटि बहुतायत देखी जाती हैं, लेखक ने यहाँ पर भी त्रुटिपूर्ण लिंग प्रयोग करते हुए पात्रों की भाषा में यथार्थ प्रस्तुत करने का प्रयास किया है।
  • स्थानिक प्रयोग में भाषा में लिंग त्रुटि बहुतायत देखी जाती हैं, लेखक ने यहाँ पर भी त्रुटिपूर्ण लिंग प्रयोग करते हुए पात्रों की भाषा में यथार्थ प्रस्तुत करने का प्रयास किया है।
  • यथा-पंघत (पंगत), आधी नीबू (आधा नीबू), मुस्की (स्थानिक प्रयोग), पिहकारी (पक्षियों के लिए प्रयुक्त होने वाला शब्द ; वानरों के लिए प्रयुक्त) आदि।
  • स्थानिक प्रयोग-स्थानिक प्रयोग में चुम्बकों का प्रयोग शरीर के उस भाग पर किया जाता है जो भाग रोगग्रस्त होता है जैसे-दर्दनाक कशेरूका, आंख, नाक, घुटना, पैर आदि।
  • स्थानिक प्रयोग-स्थानिक प्रयोग में चुम्बकों का प्रयोग शरीर के उस भाग पर किया जाता है जो भाग रोगग्रस्त होता है जैसे-दर्दनाक कशेरूका, आंख, नाक, घुटना, पैर आदि।
  • 2) स्थानिक प्रयोग-इस प्रयोग विधि में चुम्बकों को उन स्थानों पर लगाया जाता है, जो रोगग्रस्त होते हैं, जैसे-घुटना और पैर, दर्दनाक कशेरुका, आँख, नाक आदि।
  • उदाहरण के लिये यदि किसी व्यक्ति की नाक के अन्दर थोड़ा सा मांस बढ़ गया हो या गलतुण्डिका शोथ की अवस्था हो तो चुम्बकों का सार्वदैहिक प्रयोग नहीं करना चाहिए बल्कि इस अवस्था में स्थानिक प्रयोग करना चाहिए।
  • सार्वदैहिक प्रयोग के समय में ऐसा कोई सख्त नियम नहीं है कि बीमार व्यक्ति को एक दिशा में विशेषकर एक ओर मुंह करके बैठाये जबकि स्थानिक प्रयोग में बीमारी की दशा के अनुसार दिशा पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है।
  • आयुर्वेदिक चिकित्सा-स्थानिक प्रयोग पंचगुण तैल और महामाष तैल दोनो मिलाकर और उसमे अश्व्गन्धा चुर्ण मिलाकर उसकी लुग्दी बना ले उसको गर्म करके रोटी कि तरह की सेप बनाकर प्रभावित स्थान पर लगा दें और उपर से कोई कपडा बान्ध दे ।
  • सार्वदैहिक प्रयोग तथा स्थानिक प्रयोग में अन्तर-सार्वदैहिक प्रयोग की अवस्था में रोगी के शरीर के सभी भागों पर ध्यान दिया जाता है जबकि स्थानिक प्रयोग की अवस्था में रोग संक्रमण, सूजन तथा दर्द वाले भागों पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
  • सार्वदैहिक प्रयोग तथा स्थानिक प्रयोग में अन्तर-सार्वदैहिक प्रयोग की अवस्था में रोगी के शरीर के सभी भागों पर ध्यान दिया जाता है जबकि स्थानिक प्रयोग की अवस्था में रोग संक्रमण, सूजन तथा दर्द वाले भागों पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
  • स्थानिक प्रयोग में चुम्बक का प्रयोग करने के लिये यदि किसी व्यक्ति की जरूरत पड़ जाये (क्योंकि चुम्बक कभी-कभी ज्यादा भारी होता है) तो उस व्यक्ति को भी किसी तख्ते या पटरे पर खड़ा रखना चाहिए (उस व्यक्ति को जमीन पर कभी भी खड़ा नहीं रखना चाहिए) ।
  • गुण-यह कटु, तिक्त, कफ़, विष तथा नेत्र रोग को दुर करने वाला, उष्ण वीर्य, रसायन, छेदन, एवम व्रण सम्बन्धित रोगों को दुर करने वाला होता है (भाव प्रकाश) प्रयोग-खुनी बवासीर _ २५० मि. ग्रा. दिन मे दो बार ताने पानी के साथ और साथ मे इसबगोल पाउडर आधा चमच रात को एक बार ताजे पानी के साथ, स्थानिक प्रयोग के लिये-रंसोत को पानी मे घोल कर गुदा प्रक्षालन करें, अर्शांकुर(मस्से) कुछ समय बात समाप्त हो जाएंगे।
  • More Sentences:   1  2

sethaanik peryoga sentences in Hindi. What are the example sentences for स्थानिक प्रयोग? स्थानिक प्रयोग English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.