धातुपाठ sentence in Hindi
pronunciation: [ dhaatupaath ]
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- संस्कृत के धातुपाठ में जो धातुओं का अर्थ लिखा गया है वहाँ सृज धातु का विसर्ग ही अर्थ लिखा है।
- अति प्राचीन होने पर भी इस भाषा की सृजन-शक्ति कुण्ठित नहीं हुई, इसका धातुपाठ नित्य नये शब्दों को गढ़ने में समर्थ रहा है।
- आपकी शब्दावली में शब्दों की व्युत्पत्ति जहाँ एक ओर ईषद्धास उत्पन्न करती है, वहीं पाणिनि धातुपाठ का पुनरावलोकन भी करा देती है ।
- अति प्राचीन होने पर भी इस भाषा की सृजन-शक्ति कुण्ठित नहीं हुई, इसका धातुपाठ नित्य नये शब्दों को गढ़ने में समर्थ रहा है।
- परिशिष्ट में गणपाठ एवं धातुपाठ देकर ग्रन्थ की उपादेयता और बढ़ा दी गई है. 'अष्टाध्यायी' की प्रमुख विशेषताएँ हैं: (१) वाक्य को भाषा की मूल इकाई मानना.
- आगे चलकर संस्कृत के अधिकांश कोशों में जिस प्रकार रचनाविधान और अर्थनिर्देश शैली का विकास हुआ है वह धातुपाठ या गणापाठ की शैली से पूर्णतः पृथक् है ।
- इन्हीं को खिल-ग्रन्थ अथवा परिशिष्ट ग्रन्थ के नाम से पुकारते हैं-1. धातुपाठ, 2. गणपाठ, 3. उणादिपाठ, 4. लिङ्गानुशासन।
- धातुपाठ में दो प्रकार की धातुएँ हैं-1. जो पाणिनि से पहले साहित्य में प्रयुक्त हो चुकी थीं और दूसरी वे जो लोगों की बोलचाल में उन्हें मिली।
- गणपाठ और धातुपाठ के संबंध में वेस्टरगार्द का रेडिसेज लिंग्वा संस्कृता (1841), बोटलिंक का पाणिनि ग्रामाटिक (1887), लीबिश का धातुपाठ (1920) ओर राबर्टं बिरवे का “डर गणपाठ” (1961) उल्लेखनीय हैं।
- गणपाठ और धातुपाठ के संबंध में वेस्टरगार्द का रेडिसेज लिंग्वा संस्कृता (1841), बोटलिंक का पाणिनि ग्रामाटिक (1887), लीबिश का धातुपाठ (1920) ओर राबर्टं बिरवे का “डर गणपाठ” (1961) उल्लेखनीय हैं।
dhaatupaath sentences in Hindi. What are the example sentences for धातुपाठ? धातुपाठ English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.