श्यामानन्द sentence in Hindi
pronunciation: [ sheyaamaanend ]
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- सन् 1971 तक का काल जब श्यामानन्द जी ‘ अनामिका ' से अलग हुए, ‘ अनामिका ' और श्यामानन्द दोनों के जीवनकाल में इस काल के पूर्व तक कई महत्वपूर्ण प्रस्तुतियाँ सामने आई।
- परन्तु साथ यह भी कहना चाहूँगा कि श्यामानन्द के प्रस्तुतीकरण में नाटक का उतना अंश जो शेष अंश से बहुत अलग पड़ गया था, उसके पीछे भी यह सहयोगी प्रयास ही मुख्य कारण था।
- श्यामानन्द जालान ने अनामिका में रहते हुए, अनामिका की ही एक अन्य कलाकार ' चेतना ' से पहली पत्नी ' किरण ' के रहते-रह्ते ही दूसरा विवाह कर लिया, जो ' अनामिका ' जैसी संस्था के नाम पे बदनुमा धब्बा था ।
- मुझे यह स्वीकार करने में संकोच नहीं है कि बिना रात-दिन श्यामानन्द के साथ नाटक के वातावरण में जिये, आधी-आधी रात तक उससे बहस-मुबाहिसे किये, और नाटक की पूरी अन्विति में एक-एक शब्द को परखे वह अंश अपने वर्तमान रूप में कदापि नहीं लिखा जा सकता था।
- ख्याल में यद्यपि यहां केवल एक ही घराना हुआ (भागलपुर के मिश्र गायकों का घराना) जिसमें बद्री मिश्र, शारदा मिश्र, प्रह्लाद प्रसाद मिश्र, संगीत कुमार नाहर सरीखे गायक हुए-वनैली स्टेट के महाराज कुमार श्यामानन्द सिंह अनूठे ख्याल गायक हो गये-बंदिश गाने में इनका लोहा देश के लब्धप्रतिष्ठि गायकों ने माना, दरभंगा राजदरबार को किराना घराना के गायक बंधु मौला बक्श और अजीम बक्श तथा उनके फरजद अब्दुलगनी खां सुशोभित करते रहे।
- घर-बाहर ' (रवीन्द्रनाथ ठाकुर, 1961: श्यामानन्द जालान), ‘ छपते-छपते ' (मिहिल सेबेशियन, 1963: श्यामानन्द जालान), ‘ शेष रक्षा ' (रवीन्द्रनाथ ठाकुर, 1963: प्रतिभा अग्रवाल), ‘ मादा कैक्टस ' (लक्ष्मीनारायण लाल, 1964: श्यामानन्द जालान), ‘ छलावा ' (परितोष गार्गी, 1964: प्रतिभा अग्रवाल) एवं ‘ कांचन रंग ' (शंभु मित्र तथा अमित मैत्र, 1965: कृष्ण कुमार) नाटक प्रस्तुत किए गए।
- घर-बाहर ' (रवीन्द्रनाथ ठाकुर, 1961: श्यामानन्द जालान), ‘ छपते-छपते ' (मिहिल सेबेशियन, 1963: श्यामानन्द जालान), ‘ शेष रक्षा ' (रवीन्द्रनाथ ठाकुर, 1963: प्रतिभा अग्रवाल), ‘ मादा कैक्टस ' (लक्ष्मीनारायण लाल, 1964: श्यामानन्द जालान), ‘ छलावा ' (परितोष गार्गी, 1964: प्रतिभा अग्रवाल) एवं ‘ कांचन रंग ' (शंभु मित्र तथा अमित मैत्र, 1965: कृष्ण कुमार) नाटक प्रस्तुत किए गए।
- घर-बाहर ' (रवीन्द्रनाथ ठाकुर, 1961: श्यामानन्द जालान), ‘ छपते-छपते ' (मिहिल सेबेशियन, 1963: श्यामानन्द जालान), ‘ शेष रक्षा ' (रवीन्द्रनाथ ठाकुर, 1963: प्रतिभा अग्रवाल), ‘ मादा कैक्टस ' (लक्ष्मीनारायण लाल, 1964: श्यामानन्द जालान), ‘ छलावा ' (परितोष गार्गी, 1964: प्रतिभा अग्रवाल) एवं ‘ कांचन रंग ' (शंभु मित्र तथा अमित मैत्र, 1965: कृष्ण कुमार) नाटक प्रस्तुत किए गए।
sheyaamaanend sentences in Hindi. What are the example sentences for श्यामानन्द? श्यामानन्द English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.