“यदी धृष्टता न समझी जाय तो मैं कहूंगा कि धनवान व्यक्तियों के लिए यह एक मनोरंजन का साधन है, किन्तु हमारे जैसे लोगों के लिए तो...” * जीवन में अशांति के भय निरन्तर लगे ही रहते है, आत्मा विभ्रांत बनी रहती है ।...
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वर्तमान की इस अधूरी स्वतंत्रता को पूर्ण करनेके लिए आगे क्यों नहीं आ रहे हैं? यह देखा जा रहा है कि वे लोग वर्तमानकी भूमिगत राजनीतिक चाल से विभ्रांत होकर भटक गये हैं, सत्य धर्म औरकल्याण की पवित्र अग्नि प्रज्वलित नहीं कर पा रहे हैं.
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हार का मुख्य कारण यह था कि विकास परिषद ने स्पष्ट रूप से कोई नीति नहीं बनाया और लोगों को स्पष्ट रूप से कुछ नहीं बताया और एक विभ्रांत की स्थिति को जानबूझ कर बनाए रखा ताकि जीत जाए तो विकास परिषद का उम्मीदवार और हार जाए तो नकार दिया जाए।
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किसी विकलांग ‘विकल-मस्तिष्क ' (एक अननुपातिक, असंयमित और अनैतिक विभ्रांत गुटबाज लेखक का 'पद'-'जनसत्ता' से उद्धृत) वाली आलोचना की तानाशाही के दौर में किसी लेखक का जीवन उस सूफी या संत जैसा होता है, जिसके पद और साखियों को तो सचेत जन-समुदाय बचा लेता है, लेकिन उस पाठ के रचनाकार की नियति उसे किसी मकतल या सलीब की दिशा की ओर ही अक्सर ले जाती अब तक इतिहास में दिखी है।
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किसी विकलांग ' विकल-मस्तिष्क' (एक अननुपातिक, असंयमित और अनैतिक विभ्रांत गुटबाज लेखक का 'पद'-'जनसत्ता' से उद्धृत) वाली आलोचना की तानाशाही के दौर में किसी लेखक का जीवन उस सूफी या संत जैसा होता है, जिसके पद और साखियों को तो सचेत जन-समुदाय बचा लेता है, लेकिन उस पाठ के रचनाकार की नियति उसे किसी मकतल या सलीब की दिशा की ओर ही अक्सर ले जाती अब तक इतिहास में दिखी है।
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चारों ओर से लोग मुझसे प्रश् न पर प्रश् न करते हैं कि तुम अपनी प्रतिभा क् यों बिखरा रहे हो, क् यों नहीं हमारे पंक्ति-बंधन में आकर उसको एक दिशा में आगे बढ़ाते, युगपथ छोड़कर किन पिच्छिल पगवीथियों पर विभ्रांत हो? मैं किस-किस को और क् या जवाब दूं? उन् हें कैसे समझाऊं कि मेरे ये संस् कार ही मेरे अस्तित् व हैं, मैं इनको छोड़कर कुछ नहीं।
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महाशून्य से व्याह रचायें क्रिया-कर्म से ऊपर उठ कर अहम् और त्वम् यहीं छोड़कर काल प्रबल के सबल द्वार को, तोड़ नये आयाम बनायें महाशून्य से व्याह रचायें स्वाहा और स्वास्ति में अंतर भ्रमित रहा मन यहाँ निरंतर माया से विभ्रांत चेतना,को अवचेतन पथ पर लायें महाशून्य से व्याह रचायें निर्गुण और सगुण मिल जायें दिग्विहीन हो कर बह जायें दृगांचल अनंत हो जायें,जब प्रिय से भाँवरें रचायें महाशून्य से व्याह रचायें विक्रम जिन्दगी एक.......
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अबतक तो मेरा भी यही ख्याल था कि यह काम धनवान व्यक्तियों का है ।“”यदी धृष्टता न समझी जाय तो मैं कहूंगा कि धनवान व्यक्तियों के लिए यह एक मनोरंजन का साधन है, किन्तु हमारे जैसे लोगों के लिए तो..."* जीवन में अशांति के भय निरन्तर लगे ही रहते है, आत्मा विभ्रांत बनी रहती है ।...* किंतु जब कोई व्यक्ति बनावट से विह्वल होकर बातें करने लगता है, उस समय उसकी भाषा भी अधिकाधिक प्रांजल हो उठती है ।
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किसी विकलांग ‘ विकल-मस्तिष्क ' (एक अननुपातिक, असंयमित और अनैतिक विभ्रांत गुटबाज लेखक का ' पद '-' जनसत्ता ' से उद्धृत) वाली आलोचना की तानाशाही के दौर में किसी लेखक का जीवन उस सूफी या संत जैसा होता है, जिसके पद और साखियों को तो सचेत जन-समुदाय बचा लेता है, लेकिन उस पाठ के रचनाकार की नियति उसे किसी मकतल या सलीब की दिशा की ओर ही अक्सर ले जाती अब तक इतिहास में दिखी है।
विभ्रांत sentences in Hindi. What are the example sentences for विभ्रांत? विभ्रांत English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.