1. अनुकूलित प्रतिवर्त, अननुकूलित प्रतिवर्तों से बनते हैं। 2. अननुकूलित प्रतिवर्त तक मामला ठीक रहता है।3. यानि कि सहजवृत्तियां, अननुकूलित प्रतिवर्तों की श्रृंखलाएं हैं। 4. इस प्रक्रिया को अननुकूलित प्रतिवर्त या सहजवृत्ति (instinct) कहते हैं। 5. गुच्छिकामय तंत्रिका-तंत्रों वाले जीवों की परावर्तन-योग्यताएं अननुकूलित प्रतिवर्तों तक ही सीमित नहीं है। 6. अननुकूलित और अनुकूलित प्रतिवर्त, प्रतिवर्त, सहजवृत्ति आदि समझने में कुछ कठिनाई हुई।7. अननुकूलित प्रतिवर्तों का परिणाम होने पर भी मनुष्य की भावनाएं अपनी प्रकृति से सामाजिक हैं ।8. किंतु यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि अननुकूलित प्रतिवर्त सर्वथा सुनिश्चित परिवेशीय परिस्थितियों में ही पैदा होते हैं। 9. यहां अननुकूलित प्रतिवर्त (unconditioned reflexes) के साथ या लगा कर सहजवृत्ति (instinct) लिखा गया है। 10. अनुकूलित और अननुकूलित प्रतिवर्त उच्चतर जानवरों तथा मनुष्य के मस्तिष्क के गोलार्धों के कोर्टेक्स द्वारा बन कर तैयार होते हैं।