1. में शिरा में रक्त जमने से; अपस्फीत ( 2. ये ही अपस्फीत शिराएँ कहलाती हैं। 3. ये ही अपस्फीत शिराएँ कहलाती हैं। 4. अपस्फीत शिराएँ, बवासीर और केशिकाओं का नष्ट होना भी पित्ताशय के रोगों से संबंधित गड़बड़ियाँ हैं।5. जिन मुख्य शिराओं से अपस्फीत शिराओं में रक्त जाता है उनका शल्यकर्म द्वारा बंधन कर दिया जाता है। 6. जिन मुख्य शिराओं से अपस्फीत शिराओं में रक्त जाता है उनका शल्यकर्म द्वारा बंधन कर दिया जाता है। 7. अपस्फीत शिरा में रोगी में चर्म के नीचे नीले रंग की फूली हुई वाहिनियों के गुच्छे दिखाई पड़ते हैं।8. अपस्फीत शिरा में रोगी में चर्म के नीचे नीले रंग की फूली हुई वाहिनियों के गुच्छे दिखाई पड़ते हैं।9. अपस्फीत शिरा उन व्यक्तियों में पाई जाती हे जिनको बहुत समय तक खड़े होकर काम करना या चलना पड़ता है।10. अपस्फीत शिरा उन व्यक्तियों में पाई जाती हे जिनको बहुत समय तक खड़े होकर काम करना या चलना पड़ता है।