मिलती है तो पार्थिवता में अपार्थिवता का अवतार होता है-
2.
पराविद्या की अपार्थिवता ली, वेदांत के अद्वैत की छायामात्र ग्रहण की,
3.
आध्यात्मिकता अपार्थिवता, अभौतिकता की तरफ ले जाती है और धर्म को ही गरिमा देती है।
4.
जब धरती को सरस्वती की चारु-चयन-चितवन मिलती है तो पार्थिवता में अपार्थिवता का अवतार होता है-
5.
आध् यात्मिकता अपार्थिवता, अभौतिकता की तरफ ले जाती है और धर्म को ही गरिमा देती है।
6.
है पर महादेवी के ही शब्दों को याद कीजिएः “ उसने (छायावाद ने) पराविद्या की अपार्थिवता ली, वेदांत के अद्वैत की छायामात्र ग्रहण की, लौकिक प्रेम से तीव्रता उधार ली... ” उनके काव्य में तमाम तीव्रता-उत्कटता लौकिक प्रेम से कटी नहीं है।
7.
उसने परा-विद्या की अपार्थिवता ली, वेदांत के अद्वैत की छाया ग्रहण की, लेकिन प्रेम से तीव्रता उधार ली और इन सबको कबीर के सांकेतिक दाम्पत्य-भाव सूत्र में बांधकर एक निराले स्नेह संबंध की सृष्टि कर डाली, जो मनुष्य के हृदय को आलंबन दे सका, उसे पार्थिव प्रेम से ऊपर उठा सका तथा मस्तिष्क को हृदयमय और हृदय को मस्तिष्कमय बना सका।
What is the meaning of अपार्थिवता in English and how to say aparthivata in English? अपार्थिवता English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.