प्रश्नकर्ता: आत्मार्थी के लिए तो कीर्ति अवस्तु है न?
3.
जो धर्म को द्वितीय वस्तु समझता है वह उसे अवस्तु समझता है ।
4.
ये अवस्तु हैं, तभी इन से मुक्ति संभव है, किन्तु क्योंकि अवस्तुहोने पर भी ये हैं, इसी से प्रयत्न की विद्यमानता और सार्थकता है.
5.
वह आत्मदेव जिसकी शक्ति से संपूर्ण संसार स्थिर है और जिसकी शक्ति से संपूर्ण कामनायें पूरी होती हैं, उसको कोई विरले ही मांगते हैं और शेष सब संसारी वस्तुपं को, जो बिल्कुल तुच्छ, हीन और वास्तव में अवस्तु हैं, मांगते रहते हैं।
6.
तो ब्रह्मन या ईश्वर, पुरुष या स्त्री नहीं, ऐसा कहते हैं कि वो एक शक्ति है, एक क्षेत्र, एक आकाश, जो सबका आधार है और सब कुछ इसकी ही परछाईं है | सब कुछ इसकी ही छाया, इसके ही प्रतिबिम्ब से बना है ये कोई वस्तु या अवस्तु नहीं है |
7.
ब्रह्मन, कटाक्षदर्शन के समान क्षणभंगुर व्यवहारपरम्परा से मनोहर यह संसाररचना कटाक्षपात और क्षणभंगुर नई नई कारीगरियों से मनोहर नृत्तासक्त नटी के समान अदभुत गन्धर्वनगर के सदृश अनेक भ्रम उत्पन्न करती है और यह पुनः पुनः बिजली रूप चंचल दृष्टि को फैलाती है अर्थात् जैसे ऐन्द्रजालिक स्त्री तन्त्र और मन्त्रों के विस्तार द्वारा लोगों के नयनों की दर्शनशक्ति को आच्छादित कर अवस्तु में वस्तु ज्ञान उत्पन्न कराती है, यह संसाररचनारूपी नर्तकी की दृष्टि भी वैसे ही बिजली से भी चंचल है अतएव यह नृतासक्त संसार रचना नृतासक्त नटी के समान है, इसमें कुछ भी सन्देह नहीं है।।
What is the meaning of अवस्तु in English and how to say avastu in English? अवस्तु English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.