1. [5] अवायुजीवी पर्यावरणों में एक अन्य मानक जांच विधि है- 2. वर्तमान में अवायुजीवी पर्यावरण के लिए सबसे सटीक मानक जांच विधि 3. है, जो उच्च-ठोस अवायुजीवी-पाचन दशाओं के अंतर्गत प्लास्टिक पदार्थों के अवायुजीवी जैव-निम्नीकरण निर्धारण की मानक जांच विधि है. 4. इन प्रयोगों से यह स्पष्ट हो जाता है कि कैंसर कोशिकाएँ आंशिक अवायुजीवी और सामान्य कोशिकाएँ वायुजीवी होती हैं। 5. अवायुजीवी (लैंडफ़िल) वातावरण के प्राकृतिक जैव-निम्नीकारक से निर्मित प्लास्टिक के जमाव के कारण प्लास्टिक सैकड़ों सालों तक मौजूद रहते हैं.6. अवायुजीवी (लैंडफ़िल) वातावरण के प्राकृतिक जैव-निम्नीकारक से निर्मित प्लास्टिक के जमाव के कारण प्लास्टिक सैकड़ों सालों तक मौजूद रहते हैं.7. पहली है प्राकृतिक जिसमें वायुजीवी एवं अवायुजीवी दोनों ही तरह केसूक्ष्म जीवाणु सड़न की क्रिया से जैव पदार्थ से खाद बनाते हैं. 8. जैव-निम्नीकारक प्लास्टिक ऐसे प्लास्टिक होते हैं, जो पर्यावरण में प्राकृतिक वायुजीवी (खाद) तथा अवायुजीवी (कचरा) के रूप में अपघटित हो जाते हैं. 9. अवायुजीवी (लैंडफ़िल) वातावरण के प्राकृतिक जैव-निम्नीकारक से निर्मित प्लास्टिक के जमाव के कारण प्लास्टिक सैकड़ों सालों तक मौजूद रहते हैं.10. जिन्हें आक्सीजन की आवश्यकता होती है उन्हें वायुजीवी तथा जो आक्सीजन के बिना जीवित रह सकते हैं उन्हें अवायुजीवी जीव नाम दिया गया।