1. कंटकमय राहों में, हंसता सनसार है|2. किधर जायेगी; लेकिन मैं तुम्हारे जीवन को कंटकमय नहीं बना सकती। 3. चारों ओर विपत्तिा और दरिद्रता का ही कंटकमय विस्तार दिखाई पड़ रहा था। 4. हैं कंटकमय संकीर्ण यह क्षत-विक्षत पहुँच मार्ग पर है सेतु तेरे मेरे बीच का | 5. चरण को कष्ट होता था आज वह कंटकमय पथ में नंगे पाओं फिर रहे हैं और 6. जिस कंटकमय पथ पर न जाने का उनका मूक समझौता है, वह उससे बहुत निकट है। 7. युग के झंझावातों में भी, हँस-हँस कर के जीना होगा॥कितना ही कंटकमय पथ हो, आगे बढ़ते जाना होगा। 8. इन चार बर्षो मे मेने इस उपवन मे सूब भ्रमण किया, और उसे आदि से अंत तक कंटकमय पाया । 9. परजीवन के इस कंटकमय पथ पर कुमाऊँ का पुरुष और वहाँ की नारी परस्पर सहयोग और त्यागका अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करते हैं. 10. भविष्य जिस प्रसन्नता की रंगभूमि बनने की पृष्ठभूमि रच रहा था, वही न जाने क्यों चुभन से भरा हुआ कंटकमय वर्तमान बन जाता है।