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कृदन्त sentence in Hindi

pronunciation: [ kerident ]
"कृदन्त" meaning in English"कृदन्त" meaning in Hindi
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  • मूल चाहे इन रूपों का कृदन्त ही हो,
  • पूरबी बोलियाँ भूतकाल में कृदन्त रूप नहीं लेती हैं,
  • भूतकालिक कृदन्त विशेषण के लिए: 1. नियम: अंतिम अक्षर:
  • इस प्रकार के उदाहरण में ' कइले' शब्द वस्तुतः भूत कृदन्त (
  • उपर्युक्त पंक्तियों में सिद्धों ने वर्तमान भूतकालिक कृदन्त प्रत्यय ” इल ' का प्रयोग किया है।
  • इस कार्य हेतु ‘ ल्युट् ' कृदन्त प्रत्यय उपलब्ध है, जिसके प्रयोग के दो-चार उदाहरण ये हैं:
  • उदाहरणर्थ: ‘ तुमुन् ' एवं ‘ क्तवा ' धातुओं के साथ प्रयोजनीय कृदन्त वर्ग के दो प्रत्यय हैं ।
  • वर्तमान कालिक कृदन्त प्रत्यय-त, तु (खात, खातु), भूतकालिक ओ (गओ), क्रियार्थक संज्ञा-न, नु, नो, बो (चलन, चलनु, चलनो, चलिबो),
  • वैज्ञानिक एवं तकनीकी हिन्दी में मुख्यतः कृदन्त और कुछ तद्धितान्त शब्दों का प्रयोग होता है, तिङन्त शब्दों का प्रयोग बिलकुल नहीं होता ।
  • तकनीकी क्षेत्र में शब्दावली निर्माण हेतु हमें केवल कृदन्त एवं तद्धितान्त रूपों की ही आवश्यकता पड़ती है जो सामान्यत: संज्ञा या विशेषण होते हैं ।
  • इसमें सन्धि, सुबन्त, कृदन्त, उणादि, आख्यात, निपात, उपसंख्यान, स्वरविधि, शिक्षा और तद्धित आदि विषयों का विचार है ।
  • कृदन्त क्रिया रूपों या विशेषणीभूत कृदंतों का भी विशाल संसार है जो गहन लिंगभेद का शिकार है-‘ रामः गतवान् ' तो ‘ सीता गतवती ' ।
  • ' तप संतापे ' धातु से कृदन्त विहित प्रत्यय द्वारा ' तपति इति पित्तं ' जो शरीर में ताप, गर्मी उत्पन्न करे उसे पित्त कहते हैं ।।
  • व्याकरणवेत्ता प्रत्ययों को पांच वर्गों में बांटते हैं: तिङन्त तथा कृदन्त क्रियाधातुओं के लिए और सुबन्त, तद्धित एवं स्त्रीप्रत्यय संज्ञा / सर्वनाम / विशेषण शब्दों के लिए ।
  • इस प्रकार के उदाहरण में ' कइले ' शब्द वस्तुतः भूत कृदन्त (past participle) ' कइल ' से बना है जिसका शाब्दिक अर्थ है-“ किया हुआ ” ।
  • इसी प्रकार ‘ कृ ' (करना) से कृति, कार्य, कर्तव्य (कृदन्त प्रत्यय) ; और उपसर्ग भी प्रयोग में ले लें तो आकृति, अनुकृति, प्रकृति, विकृति इत्यादि ।
  • कालारम्भ कृदन्त से क्यों? त्रेता में तिगुना होने का भाव है, किससे तिगुना? द्वापर की अवधि कलि से दुगुनी है, त्रेता की तिगुनी, कृत की चौगुनी: हमारी ओर आते हुए काल संकुचित क्यों होता चलता है?
  • यदि प्रतिपाद्य विषयों की दृष्टि से विचार किया जाए तो संज्ञा और परिभाषा, स्वरों और व्यंजनों के प्रकार, धातुसिद्ध क्रियापद, कारक, विभक्ति, एकशेष समास, कृदन्त, सुबन्त, तद्धित, आगम और आदेश, स्वर विचार, दित्व और सन्धि-ये अष्टाध्यायी के प्रतिपाद्य विषय हैं।

kerident sentences in Hindi. What are the example sentences for कृदन्त? कृदन्त English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.