1. गलतुण्डिका को खत्म करने के बिना काम2. गलतुण्डिका , ग्रसनी या स्वरयन्त्र में डंक लगने जैसा दर्द होना।3. टॉन्सिलाइटिस होने पर टॉन्सिल्स (गलतुण्डिका ) में यानी गले के दोनों ओर सूजन आ जाती है। 4. गला और गलतुण्डिका लाल और सूजे होते हैं और अक्सर उनमें सफेदी लिए पीले धब्बे होते हैं। 5. गलतुण्डिका में जलन व सूजन आने के साथ उस पर छोटे-छोटे घाव उत्पन्न हो जाते हैं तथा पुटकीय गलतुण्डिका की सूजन आदि।6. गलतुण्डिका में जलन व सूजन आने के साथ उस पर छोटे-छोटे घाव उत्पन्न हो जाते हैं तथा पुटकीय गलतुण्डिका की सूजन आदि। 7. सर्दी के कारण गलतुण्डिका के सूजन में पीब का भर जाना तथा गलतुण्डिका में जलन होने के साथ ही शिराओं का सूज जाना। 8. सर्दी के कारण गलतुण्डिका के सूजन में पीब का भर जाना तथा गलतुण्डिका में जलन होने के साथ ही शिराओं का सूज जाना। 9. भोजन आदि निगलते समय गलतुण्डिकाओं में दर्द होता तथा गलतुण्डिका का रंग गहरा लाल होने के साथ ही रक्तवाहिनियां उभरी हुई महसूस होती हैं। 10. यह गलतुण्डिका (टांसिल) संक्रमण, मुख में घाव या दस्त होने से लेकर प्राणघातक निमोनिया और समय-समय पर होने वाले संक्रमणों के रूप में हो सकता है.