1. इनमें ओठ की ओरवाली गुलिका बड़ी होती है। 2. गुलिका --१८-४६४२*3. अंशफलक की पीठ पर से निकलकर, प्रगंडास्थि की बृहत् गुलिका ( 4. से निकल कर, एक कंडरा द्वारा प्रगंडास्थि के लगभग मध्य में एक गुलिका ( 5. उन्माद होने के कुछ अन्य योग बुध और गुलिका की युति विशेषकर छठे भाव में होना। 6. (फल दीपिका) बारहवें भाव में यदि राहु, गुलिका और अष्टमेश हो तो जातक नरक पाता है। 7. गुलिका की शिफ़्त बिलकुल शनि जैसी होती है, और गुलिका की चाल भी शनि जैसी मानी जाती है।8. गुलिका की शिफ़्त बिलकुल शनि जैसी होती है, और गुलिका की चाल भी शनि जैसी मानी जाती है। 9. शनि अन्धेरा गुलिका बचपन और बुध चिडिया इस कम्बीनेशन को अगर गुलिका-बुध-शनि के लिये प्रयोग किया जाता है तो खरा उतरता है। 10. सभी भावों को देखकर ही गुलिका का कथन करना चाहिये, कभी एक भाव और ग्रह को देखकर गुलिका का फ़लकथन नही करना चाहिये।